सांप्रदायिक सौहार्द के लिए अणुव्रत का प्रचार जरूरी- साध्वी ऋतुयशा
जसोल- स्थानीय नवकार विद्या मन्दिर में मंगलवार को आचार्य श्री महाश्रमणजी द्वारा उद्घोषित अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का शुभारम्भ प्रथम दिन सांप्रदायिक सौहार्द दिवस के रूप में किया गया। प्रधानाचार्या नीतु शर्मा ने बताया कि साध्वी श्री गुलाब कंवर जी सरदारशहर के सानिध्य में अणव्रत सप्ताह का आरम्भ किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत साध्वी
ऋतुयशा व हेमारेखा जी द्वारा नवकार महामंत्र के साथ किया गया। जसोदा , गिरिषा एवं समूह द्वारा संयममय जीवन हो गितिका की प्रस्तुति दी गई। लक्ष्मणसिंह रजोत द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया। अणुव्रत समिति प्रभारी भूपतराज कोठारी द्वारा अणुव्रत के संदेशो को गीत के माध्यम से देश हित में उपयोग लेने की बात कही। साध्वी ऋतुयशा द्वारा सीधा बैठना, ध्यान मुद्रा, कान खीचना, आदि प्रयोगो का अभ्यास करवाया गया एवं मस्तिक व ध्यान को एकाग्र करने वाले संकल्पों का दोहरान करवाया गया। साध्वी ऋतुयशा ने अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव बतातेे हुए अणुव्रत के संदेशों अपनाने का आग्रह किया साथ कहा कि प्रत्येेक वर्ग के लिए अलग अणुव्रत है मनुष्य अपने दैनिक कार्यो में अनुव्रत को अपनाकर जीवन को साकार करे। सांप्रदायिक सौहार्द के लिए अणुव्रत का प्रचार जरूरी हैआज के युग की आवश्यकता है संप्रदाय सापेक्षता को समझा जाए तथा इससे जुड़ी संकीर्णता ,द्वेष , दुर्भावना को दुर किया जाए। इस अवसर पर साध्वी हेमारेखा जी ने भी अपने विचार रखे। शिक्षिका रेखा जैन ने गीतिका की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर अणुव्रत समिति जसोल अध्यक्ष डुंगरराम बोघु, समिति अध्यक्ष उषभराज तातेड, पूर्व अणुव्रत समिति अध्यक्ष ईश्वरसिंह इन्दा ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान अणुव्रत संदेश छाता को अनावरण किया गया। कार्यक्रम का संचालन सफरू खान ने किया।
प्रभारी भूपतराज कोठारी ने बताया कि अणुव्रत सप्ताह 2 अक्टुबर तक चलेगा