पाली, 14 अगस्त। आपदा प्रबंधन, राहत एवं गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने बताया कि पाली जिले में अतिवृष्टि के बाद राज्य सरकार की तरफ से यहां तत्काल राहत की हर संभव व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।
आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में राहत संबंधी कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उप मुख्य सचेतक मदन राठौड़, विधायक ज्ञानचंद पारख, विधायक केशाराम चौधरी, नगर परिषद सभापति महेन्द्र बोहरा, यूआईटी चेयरमैन संजय ओझा, पाली प्रधान श्रवण बंजारा सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का प्रावधान कर दिया गया। हमने अग्रिम रूप से भी राशि यहां मुहैया करवादी ताकि नोर्म्स के अनुसार किसी तरह की तकलीफ नहीं आए और प्रभावितों तक राहत पहुंचे व रेस्क्यू काम में भी गति बनी रहे। यहां सड़कों की मरम्मत के लिए 10 करोड़ 70 लाख के प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं उन परिवारों को जो 48 घंटे तक पानी में डूबे रहे उन्हें 3800 रूपए प्रति परिवार कपड़ें व बर्तन आदि खरीदने के लिए देने का प्रावधान ही अगर कुछ परिवार इससे अभी तक वंचित हैं उन्हें सूची के अनुसार त्वरित राहत दी जाएगी। इसके साथ ही 7 व्यक्तियों की मृत्यु हुई उन्हें 4-4 लाख, 1-1 लाख मुख्य मंत्री की तरफ से दिए गए। प्रधानमंत्री की ओर से भी 2-2 लाख रूपए दिए जाएगें।
उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर, प्रशासन व विभागों की मुस्तैदी से आपदा में सराहनीय कार्य हुए। विशेष रूप से एनजीओ ने भी भोजन के पैकेट सहित राहत सामग्री प्रदान की उनका भी हम आभार व्यक्त करते हैं। जिले में 426 पशुओं की क्षति हुई उन्हे अधिकतम 1 लाख रूपए दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सड़क से कटे गॉवों को भी हम नोर्म्स के अनुसार प्रति परिवार राहत प्रदान की जाएगी। कच्चे मकान गिरने अथवा गिरने की स्थिति में हैं उन्हें 95 हजार रूपए तक सहायता देने का प्रावधान हैं।
कटारिया ने बताया कि सभी जगह हमने मेडिकल टीमें लगाई हैं तथा चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग द्वारा अग्रिम रूप से संभावित बीमारियों से बचाव की व्यवस्थाएं सुनिश्चित है। सभी जगह टीकाकरण काम भी कर दिए गए है। पेयजल की उपलब्धता व विघुत व्यवधान नहीं रहे यह भी विभागों ने त्वरित कार्य किए। अब जीवन सामान्य हो रहा हैं हालांकि कुछ गांव पानी से घिरे हैं उनमें भी अस्थाई राहत की व्यवस्थाएं की गई हैं। एन.एच. के 4 लेन के कारण कुछ गॉंव पानी से अवरूद्ध हुए उनके लिए भी सजग होकर एन.एच. के अधिकारी व दिल्ली से आए अधिकारी भी यहां पहुंचे। उन्होंने बताया हैं कि अगर डिजायन में परिवर्तन करना पड़े तो वह भी किया जाएगा।
आपदा प्रबंधन मंत्री ने बताया कि अतिवृष्टि के कारण तत्काल राहत का काम संबंधित मंत्रालय करता हैं मगर स्थाई कार्य संबंधित विभागों द्वारा ही करवाएं जाएंगे। पानी से घिरे गांवों में अगर कोई सात दिनों तक मजदूरी पर नहीं जा पाया हैं तो उसे 40 से 60 रूपए देने का प्रावधान हैं। उन्होंने बताया कि आपदा परियोजना में अगर कोई सुधार करना हैं तो उसके लिए निरंतर सुझाव प्राप्त हो रहे हैं उनके आधार पर किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने राहत पहुंचाने में पूरी तत्परता से काम किया।
विधायक एवं उप मुख्य सचेतक मदन राठौड़, विधायक ज्ञानचंद पारख, विधायक केशाराम चौधरी, प्रधान श्रवण बंजारा, यूआईटी अध्यक्ष संजय ओझा, नगर परिषद अध्यक्ष महेन्द्र बोहरा, सांसद प्रतिनिधि राकेश भाटी, डी.आर.चौधरी व अन्य जनप्रतिनिधियों ने शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थितियों केलिए समाधान के सुझाव भी दिए।
जिला कलेक्टर सुधीर कुमार शर्मा ने प्रस्तुतिकरण के साथ जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार द्वारा दी गई राहत व सहायता तथा योजनाबद्ध रूप से किए गए राहत व बचाव कार्यो की जानकारी प्रस्तुत की। बैठक में पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, ए.डी.एम. भागीरथ विश्नोई, यू.आई.टी. सचिव बजरंग सिंह चौहान सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लेकर आवश्यक जानकारियां प्रस्तुत की।