जसोल (बाड़मेर )- श्री राणी भटीयाणी मंदिर संस्थान की और से आयोजित हो रही राम कथा में मानस कथाकार
मुरलीधर महाराज नें भगवान श्री राम के द्वारा असुरों का नाश व सीता – स्वयंवर के प्रसङ्ग को भाव पूर्ण बताया । महाराज ने बताया की भगवान का भजन करना हैं तो आडम्बरी बन कर मत करो ,संसार का सबसे बडा़ रिश्ता सास का होता हैं | मानव का मीठा बोला हुआ ही उसके साथ रहता हैं कडवा भी उसको समय का भान कराता हैं आदमी का दुश्मन स्वार्थ के कारण ही बनता हैं ,अपने और पराये का अंतर समझना चाहिए |
सब के साथ प्रेम का भाव रहना ,अपनी करणी को ऐसी बनाओ की अपने जाने के बाद दुनिया याद करे ,सांसारिक जीवन में कोई भी निषेध नही हैं ,संसार में जिसका कोई भी शञु नही हैं व संसार का आधार हैं | माता पिता की आज्ञा का पालन करना वही मानव का सबसे बडा गुण हैं , वर्तमान समय में संस्कारों की कमी से परिवारों का पतन हो रहा हैं ,आदमी को अपने विवेक का भान होना चाहिए |
बेटी को संस्कारवान बनाते हुए शिक्षा को गृहण करना चाहिए जिससे व दो परिवारों को संचालन गर्व से करें | मनुष्य को संतो की तरह ज्ञानी बनने की कोशिश करनी चाहिए | किसी से सेवा चाहते हो तो स्वंय करके फिर कराने का प्रयास करना | जीवन में हमेशा अभ्यास का वातावरण होना चाहिए | बिना भाग्य से मेहमान नही आते हैं |
कथा में हुकम सिंह , मनोहरलाल भाटी , नाथूलाल जोशी ,पीरसिंह , मोहनलाल प्रजापत , मीठालाल सुथार , मकाराम गहलोत सहित श्रोता उपस्थित थे |