अमरनाथ यात्रा को सुगम और शांतिपूर्ण बनाने के लिये हालात पर पैनी नजर रखते हुये राज्य और केन्द्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल कायम करने का निर्देश दिया. बैठक में कश्मीर के मुख्य सचिव बीबी व्यास और राज्य के पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य के अलावा गृह मंत्रालय के आला अधिकारी मौजूद थे.अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा इंतजामों को लेकर केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि की अध्यक्षता में आज एक उच्चस्तरीय बैठक में यात्रा मार्ग पर 27 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात करने का फैसला किया गया.शांतिपूर्वक यात्रा संपन्न कराने के मुद्दे पर केन्द्र और राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक में स्थानीय हालात की समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर राज्य के आतंकवादी हिंसा से प्रभावित इलाकों में पथराव की घटनाओं को तीर्थयात्रा के लिये खतरा बताया गया है.
अमरनाथ यात्रा होगी अगले महीने शुरू –
अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सरकार ने 27 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात करने का फैसला किया है. सरकार का मानना है कि तीर्थयात्रियों को कश्मीर के पथराव करने वाले गुटों और आतंकवादियों, दोनों से खतरा हो सकता है. यात्रा 7 अगस्त तक चलेगी. गृह मंत्रालय में सलाहकार अशोक प्रधान ने बताया कि जम्मू कश्मीर में 40 दिन तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा की राह में पत्थरबाजों के गुट सबसे बड़ा खतरा बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस तीर्थयात्रा के लिये सुरक्षा के लिहाज से आतंकवादी और पत्थरबाजों के गुट, दोनों से समान खतरा है.इस बीच कश्मीर में जारी हिंसा और अशांति के बावजूद श्रद्धालुओं द्वारा अमरनाथ यात्रा के लिये पंजीकरण कराने वालों की संख्या में गिरावट नहीं आयी है. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि अब तक इसके लिये 1.80 लाख लोग पंजीकरण करा चुके हैं. जबकि बालताल से 14 किमी और पहलगाम से 46 किमी दूर स्थित अमरनाथ गुफा में पिछले साल 2.20 लाख तीर्थयात्रियों ने बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन किये थे.