क्षेत्र के अरणियाली, चेनपुरा, डबोई एवं बोर चारणान में मच्छरो का प्रकोप
धोरीमन्ना। अभी तक आपने मक्खिया और मच्छरों से परेशान इंसानों को देखा होगा और उन्हें इन से छुटकारा पाने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करते भी देखा होगा, लेकिन उपखण्ड क्षेत्र के अरणियाली, चैनपुरा, डबोई एवं बोर चारणान ग्राम पंचायत के गांव जो नर्मदा नहर से सिंचित क्षेत्र है। इस इलाके के गावों में किसान पशुओं को भी मच्छरदानी में रखते है। दरअसल, यहां भारी बरसात के पानी की वजह से जबर्दस्त मक्खी और मच्छरों का प्रकोप पैदा हो गया है। लिहाजा, परेशान गांव वाले अपने पशुओं को इस मुसीबत से निजात दिलाने के लिए उन्हें बड़ी-बड़ी मच्छरदानियों में रखते है। मक्खिया और मच्छरों के प्रकोप से पशुओं की चमड़ी उधड़ गई है। मच्छर से काटने से बचाव के लिए चरने के बाद सीधे इन मच्छरदानियों में रखना पड़ता हैं।
आपको बता दे कि नहरी सिंचित इस इलाके में बरसात व नहर के पानी की वजह से यह पूरा इलाका मक्खियो एवं मच्छरों से भरा पड़ा है। मच्छरों से परेशान इस इलाके के ग्रामीण अपने पशुओं को लेकर बहुत चिंतित है। उनके पशु इन मक्खियां और मच्छरों की वजह से न तो चारा खा पाते है न ही वो आराम से रह पाते है। जिससे छुटकारा पाने लिए ग्रामीणों को उन्हें बड़ी- बड़ी मच्छरदानी लगाकर उनके बीच बांधना पड़ता है। और उन्हें इन मच्छरदानियों में ही चारा खिलाना पड़ता है। यहां सुबह होते ही ग्रामीण अपने पशुओं की मच्छरदानी को उठाकर उन्हें बाहर निकालते है और शाम को उन्हें इन मच्छरदानियों के भीत बंद कर दिया जाता है।
इनका कहना।
डबोई ग्राम पंचायत के झांखरड़ा गांव निवासी जालाराम विश्नोई ने उनके पालतू पशु गांय, भैंस के लिए मच्छरो के डंक नहीं लगे, इसके लिए उन्होंने पशुओ के लिए भी मच्छरदानी लगा रखी है।
सांवलाराम खिलेरी, बताया कि प्रशासन से कई बार गुहार लगाने पर भी उनकी कोई सुनने को तैयार नहीं है, प्रशासन की अनदेखी के चलते वो नरक की जिंदगी जीने को मजबूर है।