जयपुर, 25 मई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने बैंकिंग कम्पनियों से कहा है कि कृषि ऋण जारी करने की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाया जाए ताकि किसानों को समय पर ऋण उपलब्ध हो सके और उन्हें इस प्रक्रिया में देरी के कारण खुले बाजर से अधिक ब्याज दर पर कर्ज लेने को मजबूर न होना पडे़। उन्होंने कहा कि बैंक इसकी पूरी व्यवस्था करें कि किसानों को ऋण आवेदन करने के बाद इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी एसएमएस पर मिलती रहे।
श्रीमती राजे गुरुवार को कोटा स्थित आरएएसी ग्राउण्ड में ग्राम-2017 के आयोजन स्थल पर राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश के विकास को ध्यान में रखते हुए भामाशाह योजना के प्रभावी क्रियान्वयन सहित बैंकिंग तंत्र से जुड़ी कई ठोस पहल की हैं। उद्योगों के विकास एवं मकानों के निर्माण के लिए स्टांप ड्यूटी की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए से घटाकर 5 लाख की गई है। भामाशाह रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत शिक्षित बेरोजगारों, महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं दिव्यांगजन को 5 लाख से 10 लाख रुपए तक के ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दी जा रही है। अच्छे लोन रिकॉर्ड वाले किसानों को ब्याज में छूट देने के लिए 370 करोड़ रुपए का प्रावधान वर्ष 2017-18 के राज्य बजट में किया गया है। सरकार ने लघु अवधि ऋणों की अधिक लागत के कारण सहकारी बैंकों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 150 करोड़ रुपए का प्रावधान करने का भी निर्णय लिया है। किसान किसी भी एटीएम से निकासी कर सकें, इसके लिए सहकारी बैंकों के किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को 26 लाख रूपे किसान डेबिट कार्ड जारी किए जाएंगे।