चेतन मन की अपेक्षा अचेतन मन बहुत ही शक्तिशाली होता हैं – मुनि धर्मेश कुमार
प्रेक्षाध्यान व्यक्तित्व विकास साप्ताहिक कार्यशाला का आयोजन
बालोतरा- तेरापंथ युवक परिषद जसोल के तत्वावधान में मुनि श्री धर्मेश कुमार सहवर्ती मुनि डॉ. विनोद कुमार, मुनि यशवंत कुमार आदि ठाना – 3 के सानिध्य में रविवार को पुराणा ओसवाल भवन में आयोजित हुई।
कार्यशाला में संभागियों को संबोधित करते हुए मुनि धर्मेश कुमार फरमाया की व्यक्ति लक्ष्य बनाता हैं किंतु पूरा नही हो पाता हैं। मनोविज्ञनिको के अनुसार व्यक्ति के मन को मुख्यतया दो भागों में बांटा गया है। चेतन मन और अचेतन मन। इन दोनों के बीच मे सेतु हैं – अवचेतन मन। आगे मुनि श्री ने कहा कि चेतन मन की अपेक्षा अचेतन मन बहुत शक्तिशाली होता हैं। आज कार्यशाला के विषय लक्ष्य प्राप्ति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ मे मुनि श्री द्वारा सामान्य श्वास, दीर्घ श्वास, लय श्वास, प्रेक्षाध्यान का प्रयोग, महाप्राण ध्वनि, कायोत्सर्ग सहित कई प्रयोग करवाये गए। मुनि यसवंत कुमार ने भी संबोधित किया।
मंत्री दिनेश वडेरा ने बताया कि ये कार्यशाला दस सप्ताह प्रत्येक रविवार को दुपहर 2 से 4 बजे तक चलेगी। हर रविवार को अलग अलग विषय पर कार्यशाला का आयोजन होगा। आज की कार्यशाला का विषय लक्ष्य प्राप्ति पर आधारित थी। इस कार्यशाला में नियमित 50 संभागी भाग ले रहे हैं। अंत मे सभी सम्भगियों ने आज दूसरे दिवस रविवार को कार्यशाला में अपनी अभिव्यक्ति दी। कार्यशाला के सयोंजक तरुण भंसाली ने बताया कि इस कार्यशाला में ईश्वरचंद ललित कुमार भंसाली, हुलासचंद अरिहंत कुमार सालेचा, अशोक कुमार सुरेश कुमार सालेचा, मांगीलाल नेमीचंद संखलेचा, रावतमल गणपत लाल तातेड़, धनराज राकेश कुमार कंकु चौपड़ा, गणपत लाल कल्पेश कुमार लुंकड़ सहित प्रायोजक के रूप में अपनी स्वीकृति प्रदान की। अंत मे तेयुप अध्यक्ष जितेंद्र मण्डोत ने आभार ज्ञापित किया।