टिड्डी दल से परेशान अर्जेंटीना बाड़मेर जैसलमेर के किसानों से सीखेगा बचाव के तरीके- हरीश चौधरी
– किसानों के देशी जुगाड़ ने धोरो से टिड्डी का किया था खात्मा।
बाड़मेर। टिड्डी दल से परेशान अर्जेंटीना बाड़मेर जैसलमेर के किसानों से बचाव के तरीके सीखेगा। इसके लिए अर्जेंटीना से कृषि विभाग के अधिकारियों का दल भारत पहुंचा है । यह दल पश्चिमी राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के दौरे पर है। इस दौरान यह विशेषकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी की अगुवाई में टिड्डी नियंत्रण के लिए चलाए गए अभियान के बारे में जानकारी लेगा।
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने बताया कि बाड़मेर-जैसलमेर के किसानों ने जिस तरह से टिड्डी नियंत्रण में भूमिका निभाई उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर का अर्जेंटीना का शीर्ष मण्डल अब बाड़मेर देखने व सर्वे करने आ रहे है। यह बात राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कही। उन्होंने कहा कि बाड़मेर- जैसलमेर के किसानों ने 50 लाख से ज्यादा स्वयं के पैसे लगाकर टिड्डी को खत्म किया। किसानों ने खुद की कमाई से पाउडर बनाकर उस पाउडर से टिड्डी पर रोकथाम किया। यह एक तरह की व्यवस्था लागू कि टिड्डी नियंत्रण सिर्फ दिन में हो सकता है । इस व्यवस्था में परिवर्तन लेकर आए। उस नतीजे को आज पूरी दुनिया देख रही है। बाड़मेर जैसलमेर के किसानों ने टिड्डी नियंत्रण कर पूरी दुनिया मे उदाहरण प्रस्तुत किया। किसानों के बेहतरीन योगदान के कारण आज दुनिया देखने आ रही है।
उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष बाड़मेर जैसलमेर के किसानों के साथ मिलकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने टिड्डी के खिलाफ़ जंग लड़ी और रात दिन टिड्डी रोकथाम को लेकर किसानों के देशी जुगाड़ ने धोरों से टिड्डी का खात्मा किया । अब उस मॉडल को सीखने अर्जेंटाइना का दल राजस्थान पहुंचा है।
राजस्व मंत्री चौधरी ने कहा कि जिस तरह से बाड़मेर जैसलमेर के किसानों ने टिड्डी को लेकर जन भागीदारी निभाई उसी तरह यहां के किसान अकाल राहत में प्रबंधन व जन भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि अकाल के लिए राज्य सरकार की ओर से बेहतर प्रबंधन किया जाएगा। सबसे बड़ी व्यवस्था चारे और पानी के लिए की जाएगी। इसके लिए आम लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि संवेदनशील प्रदेश सरकार जल्द ही गिरदावरी रिपोर्ट करवाने की तैयारी में है, साथ ही सर्वे की तैयारी चल रही है। चौधरी ने कहा कि किसानों को क्लेम और इंश्योरेंस के माध्यम से राहत दी जाएगी।