ट्विन्स प्रिमेच्योर बेबी के लिए वरदान साबित हुआ बालोतरा एसएनसीयू
प्रिमेच्योर बेबी को नाहटा ने दीया जीवनदान
बालोतरा- कोरोना महामारी के समय एक तरफ चिकित्साकर्मियों को तो कोरोना से झुंझना पड़ा है वही दूसरी तरफ गम्भीर नवजात शिशुओं की देखभाल चुनौती भरा काम है। इसी कड़ी में शहर के राजकीय नाहटा अस्तपताल के (स्पेशियल न्यू बॉर्न केअर यूनिट) में गम्भीर स्थिति में नवजात शिशुओं के इलाज किया जा रहा है। यह नवजात शिशु इकाई निम्न व मध्यमवर्गीय परिवारों के गम्भीर नवजात शिशुओं के लिये वरदान साबित हो रहा है। इसका एक उदाहरण नाहटा चिकित्सालय में देखने को मिला जब समय पूर्व प्रसव पीड़ा से भर्ती हुई जसोल निवासी पूनम को गर्भ में बच्चे की गम्भीर जटिलताओं के कारण डॉक्टर्स ने
एलएससीएस ऑपरेशन का सुझाव दिया। ऑपरेशन उपरांत पूनम ने 26 जुलाई को दो जुड़वा बच्चों(लड़का, लड़की) को जन्म दिया। जिनका वजन 1500 व 1600 ग्राम था। समयपूर्व डिलीवरी हो जाने पर बच्चों शारीरिक तौर पर कम विकसित थे। प्रिमेच्योर नवजातों के कमजोर फेफड़े और शरीर के अन्य अंगों के कमजोर रहने स्वांस लेने में परेशानी होने से इन्हें मशीन में ऑक्सीजन पर रखना होता है जो आमतौर पर मध्यमवर्गीय परिवार के लिए निजी चिकित्सालय में इलाज कराना सम्भव नही हो पाता है । दोनो बच्चों को नाहटा के इस वार्ड में भर्ती करवाया। वार्ड में दोनों बच्चों को वार्मर मशीन में ऑक्सीजन लगाकर व फीडिंग टयूब से दूध पिलाकर ,इंजेक्शन ग्लूकोज लगाकर व समय समय पर डॉक्टर्स व नर्सेज द्वारा देखभाल की गयी। शुक्रवार को 19 दिन बाद दोनो बच्चे स्वस्थ होकर घर लौटे पूनम के पति सुरेंद्र सोनी ने नाहटा के एसएनसीयू वार्ड के इंचार्ज डॉ कमल मूंदड़ा व गोपालसिंह मेल नर्स सहित सभी चिकित्साकर्मियों का धन्यवाद देते हुए वार्ड की व्यवस्था व सफाई की तारीफ की।
सराहनीय पहल –
एसएनसीयू वार्ड के शुरू होने के बाद लगातार घटती गयी नवजात शिशुओं की मृत्युदर, 4 साल में भर्ती हो चुके 2388 शिशु
सबके सामूहिक प्रयास से आयी मृत्युदर में कमी– डॉ कमल मूंदड़ा
एसएनसीयू यूनिट प्रभारी डॉ कमल मुंदड़ा बताते है कि वार्ड के डॉक्टर्स ,नर्सेज सहित नवजात शिशुओं के परिजनों के सामूहिक प्रयास से शिशु के जल्द ठीक होने की उम्मीद बढ़ जाती है। शिशु को जन्म से 6 माह तक बेहतर तरीके से ध्यान दे। नियमित हर दो घण्टे बाद स्तनपान व बाहर का दूध पिलाने से बचना चाहिए।
पूर्व में 870ग्राम के बच्चे भी ठीक होकर लौट चुके है – बेबी ऑफ पिंका पुत्री जितेंद्र किटनोद जो 1345 ग्राम वजन के साथ 40 दिन भर्ती रहकर स्वस्थ होकर घर लौटे है।
शिशु रोग विशेषज्ञ के साथ 8 नर्सिंग स्टाफ ,तीन शिफ्ट में ड्यूटी-
वार्ड प्रभारी गोपालसिंह, भेराराम देवासी, भँवरलाल भील, किस्तूराराम, गौरव चितारा, थानाराम गहलोत, जगदीश हिन्दल, अशोक लोहार, ज्ञान प्रकाश
अक्टूबर 2017 में शुरू हुए एसएनसीयू वार्ड में अब तक 2388 बच्चे भर्ती रह चुके है । जिसमें मात्र 121 की मृत्यु हुई है। पूर्व में SNCU बालोतरा राज्य स्तर पर अव्वल- फरवरी 2018 में राज्य सरकार की चिरायु योजना में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है बेस्ट सक्सेज स्टोरी ऑफ न्यू बोर्न सर्वाइव बेबी ऑफ ममता में राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुका है ।