धोरीमन्ना – निकटवर्ती ग्राम सोनड़ी में श्री जम्भेश्वर गौशाला संस्थान में आयोजित धर्मसभा में अपने विचार रखते हुए महन्त स्वामी हरीदासजी महाराज ने कहा कि इस दुनिया मे गौसेवा से बढ़कर कोई सेवा नही है गौ के रोम रोम में तैतीस करोड़ देवी देवताओं का निवास होता है मनुष्य अपनी आस्था के लिए आपने अपने इष्ट देव के लिए अपने अपने मंदिर बनाते है उन सभी देवों का वास गौमाता के अंदर है तो हर हिन्दू के घर मे एक गौमाता की सेवा हो जिससे सब देवता प्रसन्न हो जाते है।
गुरु जम्भेश्वर गौ सेवा संस्थान सोनड़ी के अध्यक्ष हरिराम खिलेरी ने बताया कि इस गौशाला की स्थापना 2013 में कई गयी थी वर्तमान में लगभग 430 गौमाताओं की सेवा की जाती है गोशाला ग्रामीण क्षेत्र में होने के कारण सरकारी सुविधाओं का न मिलने के कारण भी स्थानीय लोगो के भरपूर सहयोग से गायो की हर संभव सेवा करने का प्रयास किया जाता है
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि भंवार सरपंच अनंतराम खिलेरी ने कहा कि हर हिन्दू के घर मे प्रतिदिन ग़ौ ग्रास निकाल कर अगर इस गौ सेवा में अपनी नेक सेवा से दो प्रतिशत ही दे तो जगह जगह भूख से ग्रस्त गौमाता को जीवनदान मिल सकता है कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व सरपंच सोनाराम खिलेरी ने कहा कि हमारी पुरानी संस्कृति रही है गायो की सेवा करना, भगवान कृष्ण ने गायो की सेवा की, जाम्भोजी ने 27 वर्ष गायो की सेवा की ओर इन इष्ट देवताओ ने गायो की महत्ता को समझा ओर सेवा की इसी तरह हमे भी गायो की सेवा कर इस पवित्र पुण्य का लाभ लेना चाहिए प्रत्येक भक्तो को गौशाला की एक एक गायो को गोद लेकर इनकी सेवा का पुण्य लेने का संकल्प ले इस दौरान जम्भेश्वर सेवा संस्थान सेड़वा के उपाध्यक्ष बाबूलाल बोला ने गौमाता से मिलने वाला पंचामृत की उपयोगिता बताते हुए कहा कि गोमूत्र, गोबर, दूध, दही, घी जिसमे गौमूत्र में गंगा का निवास होता है जिससे घर पवित्र रहता है और गोबर में लक्ष्मी का निवास होता है जिसके लेपन से घर मे लक्ष्मी का निवास होता है गाय के दूध दही और घी खाने से मानसिक, शारीरिक एवम आर्थिक रूप से सभी सम्पन्न होते है।
कार्यक्रम में भामाशाहो ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया कार्यक्रम में केशराराम खीचड़, हरिराम सियाक भंवार, भाकिस तहसील अध्यक्ष दयाराम थोरी, पूनमचंद खिलेरी, मोहनलाल खिलेरी, जम्भेश्वर सेवक दल के उपाध्यक्ष हीराराम मांजू, जयकिशन, धर्माराम खीचड़, आशीष जाणी, मदुराम धेतरवाल, गोविंद खीचड़, रामप्रताप खीचड़, किशनाराम गोदारा, कैलाश चौधरी हरियाणा, मोहनलाल सियाक, रतन ढाका सहित सैकड़ों गौभक्तो ने भाग लिया।