इंजीनियर्स डे का हुआ भव्य आयोजन
जलदाय विभाग ने की मेज़बानी
बाड़मेर
जिस प्रकार पहिए के बिना गाड़ी अधूरी है, उसी प्रकार देश की गति इंजीनियर्स के बिना अधूरी है। शुक्रवार की रात को बाड़मेर में आयोजित जिला स्तरीय इंजीनियर्स डे के अवसर पर यह बात जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने कही।मोक्षगुंडम विश्वश्रैया के 152वें जन्मदिवस पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा आयोजित इंजीनियर्स डे का समारोह बाड़मेर जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते की बतौर अध्यक्षता में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में जिले भर के विभिन्न विभागों के इंजीनियर्स को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि अंतरिक्ष अनुसंधान, रक्षा, ग्रामीण विकास, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सहित शिक्षा क्षेत्र में भविष्य दृष्टिकोण को हकीकत में लाना इंजीनियर्स पर निर्भर है। इंजीनियर्स विज्ञान और समाज के बीच सेतु का कार्य करते हैं।जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण
अभियंता नेमाराम परिहार ने बताया कि साल 2012 से शुरू अभियांत्रिकी दिवस मनाने सिलसिला इस बार भी जारी रहा। आयोजन की मेज़बानी इस मर्तबा जलदाय विभाग के पास थी। आयोजन में गिरल लिग्नाईट परियोजना से राकेशवर्मा , सार्वजनिक निर्माण विभाग के सेवनिवर्त एडिशनल चीफ ताराचंद जाटोल , जोधपुर विधुत वितरण निगम लिमिटेड के सेवनिवर्त चीफ बीड़ी मालू, चौहटन प्रधान कुम्भाराम सेवर, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता नेमाराम परिहार मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए परिहार ने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में इंजीनियर और वैज्ञानिकों का अहम योगदान है। निर्माण के क्षेत्र में तकनीक का लगातार विकास हो रहा है, लेकिन निर्माण और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है। सरकारों का काफी बजट निर्माण पर ही खर्च होता है।उन्होंने बताया कि यह दिन पूरे देश में भारतरत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।आयोजन को संबोधित करते हुए बीडी मालू ने नए इंजीनियर्स को संबोधित करते हुए इंजीनियर्स से अपील की कि वे अपनी तकनीकी कौशल का इस्तेमाल करते हुए देश के विकास पर बल दें। आज हमें ऐसे इंजीनियर्स की जरूरत है, जो देश को नई दिशा दिखा सकें, क्योंकि आधुनिक विश्व में विज्ञान, तकनीक और इंजीनियरिंग के विकास के बिना विकसित राष्ट्र का सपना सच नहीं किया जा सकता। इसके लिए देश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई को और आकर्षक, व्यावहारिक और रोजगारपरक बनाने की जरूरत है। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन दीपाराम ने दिया। दीपक कड़वासरा ने भारत रत्न सर विश्वेश्वरिया का जीवन परिचय दिया वही आभार परिचय बाबूलाल मीणा ने किया। कार्यक्रम का संचालन जसवंत सिंह मायला ने किया। कार्यक्रम में हजारी राम बलवा, हेमन्त कुमार लीलड ने आगुन्तको का स्वागत किया।
आयोजन को संबोधित करते हुए कुछ इंजीनियर्स से देश मे निजी क्षेत्रों की बढ़ती भागीदारी पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार से जिला कलेक्टर के माध्यम से 3 पी याने पीपीपी मोड़ पर लगाम कसने की बात कही थी इस पर जिला कलेक्टर ने अपने उद्बोधन में कहा कि इंजीनियर्स पीपीपी का विरोध कर रहे है लेकिन हमें 3पी से रूबरू होना पड़ता है और वह 3 पी पब्लिक, पोलटिसियन औऱ प्रेस है। ऐसे में किसी भी पी का विरोध करने के बजाए उन्हें काम और सिस्टम का हिस्सा मानते हुए अपना लेना चाहिए।
आगामी साल होने आभियांत्रिकी दिवस की मेजबानी सार्वजनिक निर्माण विभाग को सौपी गई है। हर बार की तरह इस बार भी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आये जिला कलेक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को आगामी मेजबानी का मोमेंटो सौंपा।
भारत रत्न सर विश्वेश्वरिया के जन्मदिन पर आयोजित अभियांत्रिकी दिवस पर अपने उद्बोधन में अपने भारत और विदेश के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि वह जिला कलेक्टर होने के साथ साथ इंजीनियर भी है। अपने अमेरिका प्रवास के दौरान के अनुभवों पर जिला कलेक्टर ने कहा कि वहाँ इंजीनियरिंग की ही बदौलत विकास अपने चरम पर है। हैदराबाद के ड्रेनेज और सीवरेज का उदाहरण देते हुए कहा कि वह सर विश्वेश्रेया की ही देन है जिसके चलते आज तक वहा कभी बाढ़ नही आई।