प्रात: 11 बजे अ_मतप के तपस्वियों के पारणे के साथ ही समापन हुआ। इसके
पूर्व प्रात: से ही सेवा पूजा के लिए अ_म तपस्वियों एवं श्रद्धालुओं की
लम्बी कता रेल गी हुई थी एवं जयकारों के साथ पूजा अर्चना का लाभ लिया।
इस दौरान मन्दिर में आराधकों एवं भक्तजनों द्वारा खमासण, चैत्यवंदनविधि
विधान से की गई। इस अवसर पर नाकोड़ा तीर्थ पर विराजित परमपूज्य आचार्य
भगवंत कीर्तिचन्दसूरीश्वर म.सा. द्वारा बड़ा मंगलिक दिया गया। ट्रस्ट
मण्डल द्वारा 1200 अ_म तपस्वियों को पारणा करवाकर बहुमान किया गया। इसके
साथ ही लाभार्थी परिवार अभय कुमार, इन्दरचन्द मुथा बोथरा परिवार द्वारा
भी तपस्वियों का बहुमान किया गया। बुधवार राात्रि में विशाल कवि सम्मेलन
का आयोजन किया गया। इस कवि सम्मेलन में कीर्तिकाले (शृंगार), अशोकभाटी
(हास्य व्यंग्य, जैन दर्शन), अनिलतेजस (वीर रस, जैन दर्शन), गोविन्द राठी
(हास्य व्यंग्य), दीपकपारीख (हास्य व्यंग्य), रौनक पारीख, सिद्धार्थ देवल
(वीर रस) की कविताओं का उपस्थित जनसमूह द्वारा कार्यक्रम की सराहना की
गई। श्रोतागण देर रात तक काव्य पाठ का आनंदन उठाते नजर आये। समस्त
आराधकों का बहुमान तीर्थ ट्रस्ट मण्डल अध्यक्ष अमृतलाल जैन, उपाध्यक्ष
महेन्द्र कुमार चौपड़ा, कोषाध्यक्ष गणपत चन्द पटवारी एवं ट्रस्ट मण्डल के
सदस्य, अशोक कुमार चौपड़ा, बाबुलाल सिंघवी, भरतकुमार ओसवाल, बूधरचन्द
भंसाली, चन्द्रशेखर छाजेड़, दीपचंद सांखला, महेन्द्र कुमार चौपड़ा, दिलीप
बागरेचा, रणवीर गेमावत, सुरेश मेहता, किशोर राज सिघंवी एवं वीरचन्द वडेरा
उपस्थित थे।