प्याज किसान को फिर आंसू दे रहा है। मंडी में तीन रुपए किलो थोक में प्याज बिक रही है। इस भाव से उत्पादन का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। लालास के किसान श्रवण बराला का कहना है कि प्याज को मंडी लेकर आने का भाड़ा भी हमें नहीं मिल पा रहा। इसलिए प्याज को जमीन में ही छोडऩे का मानस बनाया है। किसान का कहना है कि प्याज का बीज सौ से दौ सौ रुपए किलो मिलता है, लेकिन जब हम प्याज मंडी में बेचने आते हैं तो उसका दाम चार रुपए से भी कम हो जाता है। जिले में इस बार हजारों किसानों की यही स्थिति है। वहीं कम दाम के लिए व्यापारी नासिक और गुजरात में प्याज की बंपर फसल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। व्यापारियों ने बताया कि प्याज के भाव ज्यादा होते हैं तो राजनेता जुबानी जंग में कूद पड़ते हैं, लेकिन जब किसानों को लागत निकालना मुश्किल हो रहा है तो कोई पूछने भी नहीं आ रहा। जिले में 15 हजार हेक्टेयर में प्याज की बुवाई हुई है। प्याज का अनुमानित उत्पादन साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन आंका जा रहा है।