प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि राजस्थान के पाली, जोधपुर एवम बालोतरा में स्थापित औधोगिक इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषित पानी के नदियों में प्रवाहित होने से बांडी, लूणी और जोजरी नदी एवं बांडी-नेहड़ा बांध लगातार प्रदूषित हो रहे हैं । नदी के दोनों किनारों पर स्थित दर्जनों गांवों में कुओं का जल दूषित हो गया हैं । किसानों की हजारो बीघा जमीन प्रदूषित पानी के कारण अनुपयोगी हो गई है । इन शहरों में औधोगिक इकाइयों की चिमनियों से निकलने वाले धुंए से वातावरण दूषित हो रहा है, जल व वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव से मूक पशु- पक्षियों के साथ आमजन में कई तरह की बीमारियां हो रही हैं । समस्या के समाधान को लेकर उच्च न्यायालय, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, मानवाधिकार आयोग, जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय सहित सक्षम संस्थाओ ने समय-समय पर महत्वपूर्ण निर्णय व निर्देश दिए लेकिन उनकी पालना नही होने की वजह से समस्या लगातार बढ़ रही हैं ।
प्रदुषित पानी नदियों में छोड़ने पर प्रधानमंत्री से पचपदरा में किसानों से रूबरू होने की मांग
प्रधानमंत्री से पचपदरा में किसानों से रूबरू होने की मांग
बालोतरा। राजस्थान के पाली,जोधपुर एवं बालोतरा में स्थापित औधोगिक ईकाईयों से निकलने वाला प्रदुषित पानी नदियों में छोड़ने पर किसानों की उत्पन्न हो रही समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर किसान पर्यावरण सघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र प्रेषित किया । समिति के महामंत्री महावीर सिंह सुकरलाई ने
सुकरलाई ने प्रधानमंत्री को पत्र में बताया कि वे 16 जनवरी को पचपदरा आ रहे हैं, उसके नजदीक से ही मारवाड़ की मरूगंगा कहलाने वाली लुणी नदी गुजरती हैं, बांडी और जोजरी नदी इसकी सहायक नदी है । यह तीनों नदियां प्रदूषण की वजह से एक तरह से मर गई हैं । आपने देश की नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने का वादा किया हैं, आप देश मे सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान चला रहे हैं, किसानों और पर्यावरण प्रेमियों को आशा है कि आप इन नदियों की स्वच्छता पर ध्यान देंगे । प्रदूषण से पीड़ित किसान आपसे मिलना चाहते हैं, वे नदियों की स्थिति और अपनी पीड़ा से आपको अवगत करवाना चाहते हैं ।पर्यावरण प्रेमी महावीरसिंह सुकरलाई ने पत्र में मांग की कि पचपदरा यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री प्रदूषण से पीड़ित पाली, जोधपुर और बालोतरा के किसानों को मिलने का समय दे तथा मारवाड़ की इन नदियों में बढ़ रहे प्रदूषण की समस्या की पूर्ण जानकारी लेकर इसके स्थाई समाधान हेतु आवश्यक ठोस कदम उठावे ।