जयपुर, 6 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रदेश को मार्च 2018 तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए वे हर 15 दिन में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत प्रगति की समीक्षा करेंगी। उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्य सचिव के स्तर पर 15 दिन के अंतराल पर तथा पंचायती राज विभाग के स्तर पर साप्ताहिक रूप से स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत किए जा रहे कार्यों की समयबद्ध रूप से समीक्षा की जाए।
श्रीमती राजे गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर की उपस्थिति में प्रदेश में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता एवं स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति के संबंध में आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए शौचालयों की जियो टेगिंग अनिवार्य रूप से की जाए।
बैठक में श्री अय्यर ने जल के बेहतर प्रबन्धन के क्षेत्र में इजरायल में हो रहे उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी दी, जिस पर मुख्यमंत्री ने जल के बेहतर उपयोग, रिसाईकलिंग एवं संरक्षण की दिशा में इजरायल के साथ मिलकर काम करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट विलेज के अन्तर्गत 3000 से अधिक आबादी वाले गांवो में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार की ओर से दी जाने वाली राशि 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का सुझाव दिया।
बैठक के दौरान प्रदेश में स्वच्छ पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डिसेलिनेशन, भूजल स्तर बढ़ाने सहित अन्य उपायों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल, मुख्य सचिव श्री अशोक जैन, मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष श्री सीएस राजन, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज श्री सुदर्शन सेठी, प्रमुख शासन सचिव पीएचईडी श्री रजत कुमार मिश्र, शासन सचिव पंचायती राज श्री नवीन महाजन, निदेशक स्वच्छता डाॅ. आरुषि अजेय मलिक सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।