बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो में पशुपालन विभाग ने किए पुख्ता इंतजाम
-88 हजार 863 पशुओं का किया उपचार, 37 हजार 611 पशुओं का किया टीकाकरण
बाड़मेर, 06 अगस्त। राज्य के बाढ़ एवं अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित पशुओं को राहत प्रदान करने के लिए पशुपालन विभाग की ओर से पुख्ता बंदोबस्त करने के साथ जिलोें में नोडल अधिकारी लगाये गये हैं, जो कि स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। निदेशालय सहित समस्त जिला मुख्यालयों पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किये जा चुके हैं। ये नियंत्रण कक्ष 24 घंटे निरन्तर कार्यरत रहेंगे।
पशुपालन मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि बाढ़ एवं अतिवृष्टि प्रभावित बाड़मेर, जालोर, पाली और सिराही जिलों में 87 हजार 863 पशुओं का त्वरित रूप से उपचार किया गया है। इसके अतिरिक्त इन क्षेत्रों मे 37 हजार 611 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया है। सैनी ने बताया कि पशु रोग प्रभावित क्षेत्रों हेतु 1 करोड़ 89 लाख रूपये की पशु दवाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। साथ ही राज्य के समस्त जिलों के लिए पांच-पांच लाख रूपये की तत्काल दवा खरीदने की स्वीकृति भी जारी की गई है। उन्होने बताया कि इन चार जिलों मे 88 पशु चिकित्सको एवं 154 पैरावेट का जाप्ता तेैनात किया गया है, जो रोगी पशुओं को समुचित चिकित्सा मुहैया करा रहा है। सैनी ने बताया कि जिलों में नोडल संस्थाओं के प्रभारी अधिकारियों को स्थानीय प्रशासन से नियमित समन्वय स्थापित करने व बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में पशुधन संरक्षण के लिए आवश्यक कार्यवाही संपादित करने के निर्देश दिये गये हैं। जिला, उपखंड एवं पशु चिकित्सालय स्तर पर मोबाईल पशु चिकित्सा दलों का गठन किया गया है और मानसून एवं बाढ़ संभावित पशु रोगों की रोकथाम के लिए शत-प्रतिशत टीकाकरण किये जाने के निर्देंश भी जारी किए गये है। राज्य रोग निदान केन्द्र जयपुर एवं जिला रोग निदान केन्द्र के प्रभारियों को मृत पशुओं के सुरक्षित एवं वैज्ञानिक निस्तारण के लिए नगर निगम, परिषद, पालिका एवं ग्राम पंचायत को तकनीकी सहयोग करने के भी निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि अथवा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारी व कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध रहेगा। बिना पूर्व सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के अधिकारी और कर्मचारी मुख्यालय नहीं छोडेंगे। बाढ़ की स्थिति में पशुओं की अकाल मृत्यु होने पर मृत पशुओं के लिए जिला प्रशासन स्तर से मिलने वाली सहायता राशि के लिए पोस्टमार्टम एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज शीघ्रता से उपलब्ध कराये जाने सम्बन्धी निर्देंश भी जारी किए गये है।