और अपनी मातृभूमि पचपदरा के बारे में उन्होंने गहरी चिन्ता प्रकट करते हुए क्षेत्र अंदर से सिकुड़ता जा रहा है। मगर हमको अन्दर से क्षेत्र का विस्तार के लिय आगे आना पडेगा। आचार्य श्री ने कहा मां ममता और माटी पचपदरा की उपज है । और हमारा मुक्ति धाम भी यही है । आचार्य श्री ने कहा कि जब भी ऐसे बड़े आयोजन होते है। तो अपने क्षेत्र में करवाए और बडे-बडे शिविर लगवाऐं जितने भी देश में पचपदरा वासी रहते हो तो वहां आके अपने मातृभूमि के विकास के लिए पौधा रोपण करें।
बालोतरा नाकोड़ा प्रवास पर ट्रस्ट कोषाध्यक्ष अशोक कुमार चोपड़ा, भारत जैन महामंडल अध्यक्ष ओम बाठिया, सचिव महेंद्र चोपड़ा, जवेरी लाल मेहता, गणपत बाठिया, अरुण सालेचा, रमेश श्रीश्रीमाल, अशोक, उत्तम, रतन, गौतम दांती सहित गण मान्य नागरिकों ने भाग लिया। नाकोड़ा तीर्थ पर ट्रस्ट के उच्च पदाधिकारियों ने भी आचार्य श्री के दर्शन अर्चना कर शांती एवम समृद्धि के साथ खुशहाली की कामना की।