मारवाड का पूरा का पूरा कुनबा वसुन्धरा राजे को पचपदरा में एकजुटता का संकेत देने के लिए यहां इक्कठा हुआ – अशोक गहलोत
-पचपदरा में आयोजित कांग्रेस की संकल्प रैली में उमडा लाखों का जन हूजूम
पचपदरा। पचपदरा कस्बा बुधवार को एक बार फिर सुर्खियों में रहा। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की संकल्प रैली और सभा में पूरे संभाग से कांग्रेस कार्यकर्ता पचपदरा पहुंचे। रैली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या देखकर कांग्रेस नेताओं को भी सीना फूल गया और सभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट सहित सभी कांग्रेस नेताओं ने राजस्थान की भाजपा सरकार को जमकर कोसा और भाजपा के कुशासन को खत्म करने का संकल्प लिया है। पचपदरा में गुलाब सर्कल के समीप आयोजित कांग्रेस की संभाग स्तरीय सभा में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एकत्र हुए। इस अवसर पर आयोजित सभा को कांग्रेस नेताओं ने संबोधित किया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सचिन पायलट ने सभा में कांग्रेस जनों की भीड़ देखकर कहा कि यह रैली नहीं रैला है। सभा में लोगों की भीड़ देखकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नींद उड़ गई है। इस अपार जनसमूह को देखने के बाद अब तय हो गया है कि राजस्थान से भाजपा का सफाया और विदाई तय है। उन्होंने कहा कि जनता के बीच इनकी जाने की अब हिम्मत नहीं हो रही है। इसलिए तो मुख्यमंत्री सडक की बजाय हेलीकॉप्टर से पहुंचती है।
अब तो हाइकोर्ट ने भी जनता के खून पसीने की गाढी कमाई को फंूकते देख सख्त रुख दिखाया है। रिफाइनरी पचपदरा में कांग्रेस के हाथों ही मूर्तरुप लेगी। पायलट ने भाजपा के षासनकाल को भ्रष्टाचार की इंतिहा करार दिया। उन्होंने कहा कि न केवल मारवाड वरन पूरे राजस्थान से भाजपा के सफाये का संकल्प इस रैली में लेना है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मारवाड का पूरा का पूरा कुनबा वसुन्धरा राजे को पचपदरा में एकजुटता का संकेत देने के लिए यहां इक्कठा हुआ है। इस सभा में जनसैलाब को देखने के बाद में षर्तिया कह सकता हंू कि आज रात मुख्यमंत्री की नींद भंग हो जाएगी। इन्होंने झूठ बोलकर जनता को गुमराह करने का इतिहास बनाया है। झूठ बोलने की यह प्रवृति मुख्यमंत्री पद की साख को बट्टा लगा रही है। रिफाइनरी यहीं लगेगी, आप निष्चिन्त रहें। भाजपा सरकार ने अगर इसे नहीं अटकाया होता तो आज विकास की नई तस्वीर नजर आती और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलते। लेकिन सरकार की हठधर्मिता के कारण इसे अटकाया गया और प्रधानमंत्री के हाथों कार्य शुभारम्भ किया गया। यह भी अपने आप में एक इतिहास है कि किसी कार्य के शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री के हाथों ऐसा फिर करवाया गया।
गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में जनता माई बाप है, जिसका फैसला सर्वोपरि है। हाकम बदलता है, हुकुम नहीं। लेकिन भाजपा सरकार ने अहंकार में इसे झुठलाते हुए कांग्रेस सरकार की तमाम योजनाओं को या तो बंद कर दिया या फिर उनके नाम बदल दिए। लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे। जो काम चल रहा हैं उसे रोकने की बजाय आगे बढाएंगें। उन्होंने मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रस्टाचार, नोटबंदी, जी.एस.टी. आदि विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरते हुए सवाल खडे किए और कहा कि अब तो जनता ही वोट के माध्यम से जवाब देगी। कार्यक्रम में महासचिव व राजस्थान प्रभारी अविनाष पाण्डे, पूर्व मंत्री सी.पी. जोषी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी,बी.डी. कल्ला, राजस्थान के सह प्रभारी वेदप्रकाष, पूर्व मंत्री डॉ. चन्द्रभान,अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव मोहनप्रकाष, सी.डब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा, पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी आदि ने भी सम्बोधित करते हुए भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए कहा कि जनता झूठे वादों और झांसों की हकीकत जान गई हैं और कांग्रेस एक विष्वस्त व मजबूत विकल्प के तौर पर उनके सामने है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सचिन पायलट ने सभा में कांग्रेस जनों की भीड़ देखकर कहा कि यह रैली नहीं रैला है। सभा में लोगों की भीड़ देखकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नींद उड़ गई है। इस अपार जनसमूह को देखने के बाद अब तय हो गया है कि राजस्थान से भाजपा का सफाया और विदाई तय है। उन्होंने कहा कि जनता के बीच इनकी जाने की अब हिम्मत नहीं हो रही है। इसलिए तो मुख्यमंत्री सडक की बजाय हेलीकॉप्टर से पहुंचती है। अब तो हाइकोर्ट ने भी जनता के खून पसीने की गाढी कमाई को फंूकते देख सख्त रुख दिखाया है। रिफाइनरी पचपदरा में कांग्रेस के हाथों ही मूर्तरुप लेगी।
पायलट ने भाजपा के षासनकाल को भ्रष्टाचार की इंतिहा करार दिया। उन्होंने कहा कि न केवल मारवाड वरन पूरे राजस्थान से भाजपा के सफाये का संकल्प इस रैली में लेना है।इस अवसर पर जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल, पूर्व विधायक पदमाराम, हीरालाल विष्नोई, समरजीतसिंह जालोर, महामण्डलेष्वर निर्मलदास महाराज, भंवरलाल देवासी, संयम लोढा, रतन देवासी, सुनिता भाटी, बद्री जाखड, मुन्नीदेवी गोदारा, हुकुमसिंह अजीत, भगवतसिंह जसोल, अरविन्द मदाणी, उतम एन. कांकरिया, डालाराम प्रजापत सहित पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।