मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि आमजन की आस्था और श्रद्धा से जुड़े राज्यभर में मौजूद धार्मिक, सांस्कृतिक तथा ऎतिहासिक महत्व के 180 स्थानों का राज्य सरकार जीर्णोद्धार और विकास करवा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के जिलों में लोगों की प्रगाढ़ आस्था के कई स्थान हैं जिनका संरक्षण किया जाना जरूरी है।
श्रीमती राजे गुरुवार को बांसवाड़ा जिले में शक्तिपीठ मां त्रिपुरा सुन्दरी के मंदिर में चल रहे 351 कुण्डीय श्री विजय महालक्ष्मी त्रिपुर सुंदरी महायज्ञ एवं स्वर्ण शिखर प्रतिष्ठा महोत्सव में मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित कर रही थीं। उन्होेंने कहा कि हमारे पास ज्ञान का अथाह भण्डार है तथा इसे देश-दुनिया तक पहुंचाने के लिए गुरुकुल पद्धति जैसे किसी प्रतिष्ठान की स्थापना करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जर्मनी और बनारस में जाकर लोग इस प्रकार से अध्ययन कर सकते हैं तो यहां छोटे स्तर पर ऎसा क्यों नहीं हो सकता। उन्होंने ध्यानयोगी उत्तम स्वामी द्वारा अंचल के 34 स्कूलों में 4 हजार से अधिक बच्चों को वैदिक संस्कारों युक्त दी जा रही शिक्षा की प्रशंसा की और कहा कि क्षेत्र में ऎसी ही शिक्षा के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार किया जाना चाहिए।