जयपुर 6, जुलाई। राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डाॅ. ललित के. पंवार ने कहा कि गत दो वर्षों के ऐतिहासिक सफर ने जहां इस आयोग को देश में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाया है वहीं कईं ऐसी नई विधाओं की शुरूआत की हैं जो देश के किसी-भी लोक सेवा आयोग द्वारा अब तक भी प्रारंभ नहीं की गई।
डाॅ. पंवार ने बताया कि अगस्त, 2015 से अब तक आयोजित सभी परीक्षाएं बिना किसी व्यवधान के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित र्हुइं। किसी भी परीक्षा में पेपर आऊट होने, नकल करने तथा स्थगित करने जैसी एक भी घटना नहीं हुई जिससे आयोग की प्रतिष्ठा मजबूत हुई और देश के विभिन्न राज्यों के आयोगों में सशक्त पहचान कायम हुई।
उन्होंने बताया कि देश में पहली बार “आॅन स्क्रीन मार्किंग” तथा टाइप टेस्ट की काॅपी का कम्प्यूटर द्वारा मूल्यांकन कराने की विधा प्रारंभ की गई वहीं सर्वाधिक 140 आॅन लाईन परीक्षाएं आयोजित कर राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया गया है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा किए जा रहे इन नवाचारों व नए सोपान का अध्ययन करने के लिए विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष एवं दल यहां आ चुके हैं। अब तक बिहार, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, तमिलनाडू, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्य आए हैं।
डाॅ. पंवार ने बताया कि रोजगार देने की दृष्टि से गत दो वर्ष का समय सर्वाधिक सफलतम् रहा। अगस्त, 2015 से अब तक आयोग द्वारा 43 हजार 824 विभिन्न पदों के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया गया। यह प्रक्रिया अभी जारी है तथा आने वाले तीन-चार माह में 2024 अभ्यर्थियों का और चयन विभिन्न पदों के लिए होगा। इस अवधि में 864 विभागीय पदोन्नति समिति व समीक्षात्मक विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकों का आयोजन कर 61 हजार 300 अधिकारियों की पदोन्नति की गई।
राजस्थान लोक सेवा आयोग के इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड-द्वितीय परीक्षा-2016 (आॅफ लाईन माध्यम से ) हाल ही 30 जून से 02 जुलाई तक आयोजित हुई जिसमें आठ लाख 80 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में पंजीकृत हुए। पहली बार 13 हजार स्कूल व्याख्याताओं का विभिन्न 27 विषयों में चयन कर आयोग ने शिक्षा विभाग को दिए हैं। 12 हजार 556 ने अपना कार्यभार भी संभाल लिया है। आगामी 15 अगस्त, 2017 तक आयोग साढे़ नौ हजार वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड-द्वितीय परीक्षा-2016 के अध्यापकों का चयन कर शिक्षा विभाग को सौंप देगा।
आयोग अध्यक्ष ने बताया कि काॅलेज व्याख्याताओं के चयन की प्रक्रिया अभी जारी है जो आगामी तीन-चार माह में पूर्ण हो जाएगी। विभिन्न 28 विषयों के व्याख्याताओं की चयन प्रक्रिया में अब तक गणित, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र व अर्थशास्त्र विषय की चयन प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। साक्षात्कार की समाप्ति के दिन ही परिणाम घोषित कर राज्य सरकार को अभिशंषा भेजी जा रही है। इस परीक्षा के लिए 8 हजार 800 प्रश्न तैयार किए गए जिनमें एक भी प्रश्न हटाना नहीं पड़ा।
आर.ए.एस. परीक्षा-2013 व 2016 में 39 ऐच्छिक विषयों की परीक्षाओं के स्थान पर आयोग द्वारा चार अनिवार्य सामान्य विषयों की परीक्षा आयोजित की गई। देश में पहली बार आर.ए.एस. की काॅपियाँ ओ.एस.एम. (आॅन स्क्रीन मार्किंग) प्रणाली से जंचवाई गईं। आर.ए.एस. प्रारंभिक परीक्षा-2016 का परिणाम मात्र 17 दिन में घोषित कर कीर्तिमान स्थापित किया गया।
आयोग द्वारा देश में पहली बार कनिष्ठ लिपिक परीक्षा-2013 के लिए आॅन लाईन टाइप टेस्ट परीक्षा आयोजित की गई तथा काॅपी भी आॅन लाईन चैक कराई गई। विभिन्न परीक्षाओं में जैमर्स का उपयोग करने से नकल पर पूरी तरह से पाबंदी लग गई।
डाॅ. पंवार ने बताया कि आयोग ने नवाचार करते हुए संघ लोक सेवा आयोग के अनुरूप कार्यप्रणाली प्रारंभ की। अब साक्षात्कार आयोग के अध्यक्ष व सदस्यगण के कक्ष में ही आयोजित होते हैं। साक्षात्कार को उत्कृष्ट बनाने के लिए उच्चकोटि के दो विशेषज्ञ आमंत्रित किए जाते हैं जिनमें एक विशेषज्ञ राजस्थान के बाहर से होता है।
उन्होंने बताया कि आयोग में शीघ्र ही “वन टाइम रजिस्ट्रेशन” व “वन टाइम वेरिफिकेशन आॅफ डाॅक्यूमेंट” प्रणाली प्रारंभ होगी, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। प्रक्रिया जारी है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग के 68 वर्षों के इतिहास को एक सूत्र में पिरोह कर आयोग द्वारा “कसौटी राजस्थान” का प्रकाशन कर राज्यपाल श्री कल्याणसिंह द्वारा इसका विमोचन कराय गया। उन्होंने बताया कि आर.पी.एस.सी. का उद्देश्य “आॅन टाइम – आॅन लाईन” है।
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