जयपुर, 26 सितम्बर। राजस्व मण्डल अजमेर में बुधवार 27 सितम्बर से एक नये युग की शुरूआत होगी। पूरे देश में चल रहे डिजीटलाईजेशन के दौर में मण्डल भी खुद को डिजीटली सशक्त करने जा रहा है। मण्डल के सारे फैसले बुधवार से ऑनलाईन उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही राजस्व न्यायालयों से संबंधित अन्य कामकाज भी ऑनलाईन किया जायेगा। मण्डल का यह नवाचार जहां एक तरफ आम जनता को राहत प्रदान करेगा वहीं पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा।
राजस्व मण्डल अध्यक्ष श्री वी. श्रीनिवास ने बताया कि बुधवार 27 सितम्बर को डिजीटल राजस्व मंडल की शुरूआत की जायेगी। मंडल के कम्प्यूटीकरण एवं डिजिटलाइजेशन हेतु कई नवाचार प्रयोग में लाये जा रहे हैं। इसके तहत प्रथम बार राजस्व प्रकरणों (निर्णयों) को राजस्व मंडल की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इससे निर्णयों की जानकारी आम जनता को तुरंत हो सकेगी।
राजस्व मंडल के अध्यक्ष ने मंडल के सदस्यों एवं अधिकारियों की बैठक में यह जानकारी देते हुए बताया कि राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता लाने, मंडल द्वारा निर्णय अपलोड करने के साथ ही सभी राजस्व न्यायालयों यथा जिला कलेक्टर, ए.डी.एम, उपखण्ड अधिकारियों व तहसीलदार द्वारा सुनवाई किये जाने वाले प्रकरणों की सूची (कॉज लिस्ट) एवं निर्णय आर.सी.एम.एस वेब पोर्टल पर डालने हेतु निर्देशित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्व मंडल को डिजिटल करके पंजीयन विभाग व राजस्व विभाग को भी आपस में जोडा जाएगा। जो कि 21 वीं सदी की आवश्यकता है। इस हेतु डीआईएलआरएनपी कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अब रीविजन प्रकरणों से संबंधित अधीनस्थ न्यायालयों की पत्रावलियों का ऑनलाईन फोलोअप किया जाएगा। रीविजन व रेफरेंस प्रकरणों को भी अभियान के रूप में लेकर ऑनलाईन देखभाल प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि मण्डल में लगने वाले केसेज की (कॉज लिस्ट) को भी कम्प्यूटर से बनाया जायेगा। साथ ही ऎसी व्यवस्था की जायेगी कि केसेज से संबंधित वकीलों को लगने वाले प्रकरणों का एसएमएस चला जावे।
मण्डल अध्यक्ष ने बताया कि सभी उप पंजीयक कार्यालय में होने वाले पंजीकृत दस्तावेजों की सूचना संबंधित तहसील में कम्प्यूटर के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही राजस्व मंडल के सभी बेंचों के बाहर उच्च न्यायालय के समान डिस्पले बोर्ड अंकित किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त भविष्य में नदी, नालों, गैर मुमकीन किस्म के रेफरेंस प्रकरणों को प्राथमिकता से निपटाने के प्रयास किये जा रहे हैं। मण्डल में कुल लंबित 7498 प्रकरणों में से 6000 प्रकरणों में पिछले दो महीनों में रजिस्टर्ड नोटिस जारी किए गए हैं जो निर्णय शीघ्र करने में महत्वपूर्ण कदम है। इसी प्रकार रीविजन प्रकरणों में संबंधित अधीनस्थ न्यायालयों की पत्रावलियों को मंगवाने के लिए स्मरण पत्र दिए जा रहे हैं।