श्री राठौड़ आज यहां बिड़ला सभागार में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही शिष्य रूपी कच्ची मिट्टी को सांचे में ढालने का कार्य करते हैं। उन्होंने राजस्थान में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए किए गए प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि आज देश भर में राजस्थान के शिक्षा मॉडल की सराहना हो रही है तो इसका श्रेय हमारे शिक्षकों को ही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे स्कूल जा रहे हैं, यही हमारी सबसे बड़ी सफलता है। उन्होंने भारतीय परम्परा में गुरू संदीपनी, गुरू वशिष्ठ, गुरू द्रोणाचार्य आदि की चर्चा करते हुए कहा कि इनके कारण ही समाज को श्रेष्ठतम शिष्य मिले जिन्होंने अपने युग का प्रतिनिधित्व किया।
शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य में अगला वर्ष प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम पर केन्दि्रत होगा। उन्होंने कहा कि आगामी शिक्षा सत्र के अंतर्गत शिक्षा, शिक्षार्थी और शिक्षण को केन्द्र में रखते हुए कार्य किया जाएगा। शिक्षा के चार ‘एस’ की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा पहले ‘एस’ का अर्थ है स्मार्ट स्कूल, दूसरे का स्किल डवलपमेंट, तीसरे का स्र्पोट्स और चौथा सेंसेबलिटी यानी संवेदनशीलता से जुड़ा है। राजस्थान में इन चारों पर ही केन्दि्रत करते हुए शिक्षा के विकास को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। उन्होंने अध्यापक शब्द की संधी विच्छेद भी की तथा कहा कि अ का अर्थ है अध्ययनशील, ध्य माने ध्यानसे और प का अर्थ परीश्रमी और क कर्मठता का द्योतक है।
श्री देवनानी ने कहा कि शिक्षकों के कारण ही आज राजस्थान देश भर में शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं की पहचान वहां की सुंदर इमारतों से नहीं बल्कि वहां के शैक्षिक वातावरण, स्वच्छता और उपलब्ध गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से होती है। राजस्थान में इसी दिशा में निरंतर कार्य किया गया है और इसी से आज देशभर में राजस्थान के शिक्षा मॉडल की चर्चा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा समाज की बुराईयों को दूर करने का सबसे सक्षम माध्यम है।
श्री देवनानी ने राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र में हुए प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि पिछले तीन वर्र्षो में प्रदेश में 17 लाख से अधिक की नामांकन वृद्धि हुई है। एक लाख से अधिक शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ दिया गया है। विद्यालयों में स्वच्छता, जल स्वावलम्बन, भामाशाह से सबंधित पाठ जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान ‘स्वच्छ विद्यालय’ के अंतर्गत देशभर में तीन प्रमुख राज्यों में स्थान बना सका है तो इसका श्रेय शिक्षकों और टीम एजुकेशन को है। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में विकास के प्रयासों को निरंतर जारी रखे जाने तथा शिक्षित, विकसित राजस्थान के निर्माणका आह्वान किया।
प्रशस्ति पुस्तिका एवं शिविरा विशेषांक का लोकार्पण
राज्य स्तरीय समारोह में शिक्षकों के सम्मान की पुस्तिका ‘प्रशस्तियां’ तथा शिक्षा विभाग की पत्रिका ‘शिविरा’ के शिक्षक दिवस विशेषांक का ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़, शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष श्री बी.एल. चौधरी ने लोकार्पण किया।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की शपथ समारोह में ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ के संबंध में सभी को मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास एंव पंचायती राज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने सामुहिक शपथ दिलाई।
शिक्षकों का सम्मान समारोह में राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों, उत्कृष्ट एवं आदर्श विद्यालयों की रैंकिंग के आधार पर तीन जिला कलक्टरों, शिक्षा अधिकारियों, परियोजना अधिकारियों को शॉल ओढ़ाकर, प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह – सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों का हुआ सम्मान, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की सभी ने ली शपथ – शिक्षकों की श्रेष्ठता से ही होता है श्रेष्ठ नागरिकों का निर्माण -ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री – शिक्षा, शिक्षार्थी और शिक्षण को केन्द्र में रखते होगा कार्य -शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर, 5 सितम्बर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि जिस देश में शिक्षकों की श्रेष्ठता रहेगी, उस देश में श्रेष्ठ नागरिकों का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति आरंभ से ही गुरू-शिष्य परम्परा से जुड़ी रही है और इस संस्कृति में विद्या दान को ही श्रेष्ठतम माना गया है।