जयपुर, 15 मई। राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि बहस, असहमति और निर्णय (डिबेट, डिसेसन और डिसीजन) देश की संसदीय प्रणाली की विशेषता है, जो हमारे लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस संसदीय परम्परा के जरिए देश की संसद एवं 29 राज्यों की विधानसभाओं द्वारा जो निर्णय लिया जाता है, वह किसी एक पार्टी का नहीं होता, पक्ष-विपक्ष का नहीं होता बल्कि वह जनता का, समूचे राज्य का एवं पूरे राष्ट्र का निर्णय बन जाता है।
श्री मुखर्जी सोमवार को यहां बिडला सभागार में प्रथम भैरोंसिंह शेखावत स्मृति व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में अपना उद्बोधन दे रहे थे।
समारोह में सिक्किम के मुख्यमंत्री श्री पवन कुमार चामलिंग को जन सेवा के क्षेत्र में प्रथम भैरोंसिंह शेखावत मेमोरियल लाइफटाईम एचीवमेंट सम्मान प्रदान किया गया।