शिक्षा, क्षमा कर्म ही शिक्षक की पहचान
जसोल – शि अर्थात शिक्षा, क्ष अर्थात क्षमा, क अर्थात कर्म (शिक्षक) की वास्तविक पहचान है। यह बात श्री एस.एन. वोहरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानाचार्य माणकचन्द कच्छवाह ने कही।
उत्सव प्रभारी नैनाराम सुथार ने बताया कि इस दिन विद्यालय में अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। जिसमें निबन्ध प्रतियोगिता में गणपत प्रथम, शिवानी पंवार द्वितीय, चार्ट निर्माण प्रतियोगिता में भगराज प्रथम करण एवं राहुल द्वितीय, कविता पाठ में ओमप्रकाश प्रथम व जगदीश द्वितीय स्थान पर रहे। इससे पूर्व छात्रों ने एक दिन शिक्षक बनकर विद्यालय की सम्पूर्ण गतिविधियों को संचालित किया। इस अवसर पर सभी शिक्षकों ने छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हे गुरू के द्वारा प्राप्त ज्ञान को अपने जीवन में उताराने का सन्देश दिया साथ ही अज्ञान से ज्ञान एवं अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले गुरू को सम्मान देने की बात कही। समारोह में सभी छात्रों ने विद्यालय के समस्त शिक्षकों को श्रीफल एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया। अस अवसर पर आसुराम मेघवंशी, चन्दनसिंह चान्देसरा, सूरजप्रकाश, जगदीश गोस्वामी, महेन्द्र वर्मा, समुन खैराल, प्रिया सिसोदिया, नीतु, यशोदा परिहार, अशोक मालवीय, ओमप्रकाश आर्य, बिन्दु गोस्वामी, शैलबाला, दलपतसिंह चौहान, हेमन्त दवे सहित शिक्षकगण एवं गणमान्य लोग मौजुद थे। संचालन महेन्द्र माली ने किया।