स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)
ग्राम पंचायतों को ‘ओडीएफ‘ बनाने के लिए सभी के साथ मिलकर कार्य करें
जयपुर, 4 अगस्त। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत जिले की सभी ग्राम पंचायतों को आगामी दो अक्टूबर तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) करने के लक्ष्य को लेकर सरपंचों एवं ग्राम सेवकों की संयुक्त आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को हरिशचन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान में किया गया। इस कार्यशाला में जिले में 50 प्रतिशत से कम प्रगति वाली ग्राम पंचायतों के सरपंचों व ग्राम संवकों ने भाग लिया। सभी को टीम के रूप में काम करते हुए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं जागरूक नागरिकों के साथ मिलकर अपनी ग्राम पंचायतों को ‘ओडीएफ‘ बनाने के लिए सघन एवं सतत प्रयास करने को प्रेरित किया गया।
कार्यशाला में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आलोक रंजन ने सरपंचों एवं ग्राम सेवकों से कहा कि वे अपनी ग्राम पंचातों को ‘ओडीएफ‘ बनाने के लिए अहम भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि जिले की कई ग्राम पंचायतों को ओडीएफ बनाने में वहां के सरपंचों व जनप्रतिनिधियों ने सराहनीय कार्य करते हुए प्रेरणास्पद् उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। मुख्य प्रशिक्षक के रूप में श्री राजेन्द्र टांक (एसआरजी झालावाड़) एवं श्री श्रीराम रामावत, पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत समिति नालबड़ी, बीकानेर, जिला परियोजना समन्वयक सुश्री प्रतिभा सिंह तथा जिला स्वच्छ भारत प्रेरक सुश्री अंकिता बंसल ने सरपंचों एवं ग्राम सेवकों को संबोधित किया।
मुख्य प्रशिक्षक श्री राजेन्द्र टांक ने पहाड़ी क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में सेप्टिक टैंक की जगह बॉयो तकनीक टैंक काम में लेने की सलाह दी एवं ट्वीन पिट शौचालय के बारे में जानकारी दी। ग्राम पंचायत नालबड़ी के पूर्व सरपंच श्री श्रीराम रामावत ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए सरपंचों एवं ग्राम सेवकों को शौचालयों के प्रयोग से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी फायदे बताए और खुले में शौच से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को बीमारियों से बचाने के लिए शौचालयों का उपयोग जरूरी है। श्री रामावत ने बीकानेर में अपनी ग्राम पंचायत नालबड़ी को 20 दिन में खुले में शौच से मुक्त करने की सफलता की कहानी बताई।