जयपुर, 29 मई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में कार्यकुशलता के आधार पर श्रेष्ठ आंगनबाड़ी केन्द्र चिन्हित करने तथा उन्हें आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन आंगनबाड़ी केन्द्रों की रैंकिंग तय कर अच्छा काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित किया जाए।
श्रीमती राजे सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जो आंगनबाड़ी केन्द्र भवन बन रहे हैं, उनके निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर पूरी निगाह रखी जाए। नियमित रूप से इनकी उच्च स्तर से मॉनीटरिंग हो तथा निर्धारित समयावधि में सभी निर्माण कार्य पूरे किए जायें।
श्रीमती राजे ने कहा कि जिस प्रकार विद्यालयों की गतिविधियों से अभिभावकों को जोड़ा गया है, उसी तरह आंगनबाड़ी केन्द्रों की गतिविधियों में भी जनभागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए। इससे इन केन्द्रों के प्रति एक ओर जहां जनजुड़ाव बढ़ेगा वहीं कार्यप्रणाली में भी सुधार आएगा।
मुख्यमंत्री ने मातृ एवं शिशु कल्याण के लिए बारां एवं झालावाड़ जिलों में सफलतापूर्वक चलाए जा रहे ‘ट्रिपल-ए‘ कार्यक्रम की तर्ज पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनियों और एएनएम की गतिविधियों में आपसी समन्वय पर बल दिया। श्रीमती राजे ने विभाग से संबंधित बजट एवं अन्य घोषणाओं की भी समीक्षा की।