हस्तशिल्पियों के लिए नाबार्ड एवं श्योर का सांझा प्रयास
डीजाईन कार्यशाला प्रारम्भ
डीजाईनो में बदलाव समय की मांग है – कच्छवाहा
संस्था के परियोजना समन्वयक कानाराम प्रजापत ने बताया कि दरूड़ा व जसाई में 15-15 दिवसीय डिजाईन कार्यशाला में प्रत्येक गांव में 15-15 महिलाएं भाग ले रही है। कार्यशाला का उद्देश्य दस्तकार महिलाओं को नए-नए डिजाईन तैयार करना व कटिंग-पेस्टिंग के साथ-साथ कलर कॉम्बिनेशन (रंग समायोजन) पर समझ विकासित करना है। फैशन के दौर में हस्तशिल्प उत्पादों में भी नए-नए डिजाईन तैयार कर महिलाओं को सिखाया जाएगा। परियोजना क्षैत्र के 20 गांवों की दस्तकार महिलाओं को जोड़कर थार आर्टीजन प्रोड्यूसर कंपनी का संचालन किया जा रहा है।कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरविन्द शर्मा कहा कि नये डिजाईनों में तैयार किए गए उत्पादों की बाजार में बहुत मांग है एवं हम बदलते फैशन के दोर में उसी के अनुरूप उत्पादों को तैयार कर कंपनी के माध्यम से बाजार में बेच रहे है। दस्तकारों की इस कंपनी में 757 शेयरधारक महिलाएं है जो उत्पादों को तैयार कर रही है। प्रशिक्षण में डिजाईनर सच्चिता मुखर्जी एवं दिव्या राखेचा ने महिलाओं द्वारा आसानी से सीखे जाने वाले डिजाईनों को तैयार करवाने की बात कही। दरूड़ा की झीमो देवी, हवी देवी, मांगी देवी, चद्रा देवी व जसाई की मटका देवी ने अपने-अपने विचार सांझा किए।