देवी भगवती ममतामयी हैं वे अपने भक्तों पर सदा ही करुणा बरसाती हैं:-
जसोल ( बाडमेर) श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान की और से मंदिर प्रांगण में आयोजित हो रही श्रीमद् देवी भागवत् पुराण कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन आचार्य पं. अभिषेक जोशी ने माँ भगवती महिषासुर मर्दिनी का प्रकटय व शकरादय स्तुति द्वारा भगवती की आराधना की । व्यास जी द्वारा माँ भगवती के जीवन , शुम्भ , निशुम्भ, रक्तबीज व महिषासुर के वध का प्रवचन दिया गया ।कल की कथा मे माँ भगवती की रस लीला का वर्णन विशेष रूप से किया जायेगा ।देवी भगवती ममतामयी हैं वे अपने भक्तों पर सदा ही करुणा बरसाती हैं । जैसे माता अपने पुत्रों से हमेशा स्नेह रखती हैं। वैसे ही देवी अपने शरण में आए हुए सदाचारी लोगों पर कृपा करती हैं । कथा प्रारम्भ आरती हेमाराम जी प्रजापत, मूलतप्रारम्भ आरती हेमाराम जी प्रजापत, मूलतनमल जी माली , उदाराम सुथार , ओमप्रकाश दिगा व शाम की आरती रावल किशन सिंह , ठा. गजेंद्र सिंह , ठा. विशन सिंह द्वारा की गई व गांवो से बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी श्रोताओं ने लाभ लिया ।
जसोल ( बाडमेर) श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान की और से मंदिर प्रांगण में आयोजित हो रही श्रीमद् देवी भागवत् पुराण कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन आचार्य पं. अभिषेक जोशी ने माँ भगवती महिषासुर मर्दिनी का प्रकटय व शकरादय स्तुति द्वारा भगवती की आराधना की । व्यास जी द्वारा माँ भगवती के जीवन , शुम्भ , निशुम्भ, रक्तबीज व महिषासुर के वध का प्रवचन दिया गया ।कल की कथा मे माँ भगवती की रस लीला का वर्णन विशेष रूप से किया जायेगा ।देवी भगवती ममतामयी हैं वे अपने भक्तों पर सदा ही करुणा बरसाती हैं । जैसे माता अपने पुत्रों से हमेशा स्नेह रखती हैं। वैसे ही देवी अपने शरण में आए हुए सदाचारी लोगों पर कृपा करती हैं । कथा प्रारम्भ आरती हेमाराम जी प्रजापत, मूलतप्रारम्भ आरती हेमाराम जी प्रजापत, मूलतनमल जी माली , उदाराम सुथार , ओमप्रकाश दिगा व शाम की आरती रावल किशन सिंह , ठा. गजेंद्र सिंह , ठा. विशन सिंह द्वारा की गई व गांवो से बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी श्रोताओं ने लाभ लिया ।
