तीसरे दिन 800 कन्याओं का हुआ पूजन व भोजन
जसोल- भगवान का जन्म मर्यादा की स्थापना के लिए हुआ है। संसार में धर्म परायण होकर कैसे जिआ जाए यह हम सबको श्री राम का चरित्र सिखाता है । प्रत्येक मनुष्य के लिए राम की शिक्षाएं अनुकरणीय है। आज भी हमें सुख, शांति, परस्पर प्रेम व सौहार्द बना कर रखना है। यह बात श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान द्वारा जसोल धाम में आयोजित हो रही नौ दिवसीय श्री राम कथा के दौरान पंडित अभिषेक जोशी ने कही । उन्होंने कहा कि घर-घर में श्री राम की शिक्षाओं का प्रचार प्रसार होना चाहिए। जीवन में जो भी अपराध जाने – अनजाने में हो उसका परिणाम व फल सबको भोगना पड़ता है। इसलिए राम कथा श्रवण इस कलयुग के सारे संशय को मिटाने वाला पुण्य को पवित्र ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस सुनने और इसमें बताए मार्ग का अनुसरण करने से मनुष्य अपने जीवन को भवसागर से पार लगाने के लिए सफल बनाता है। रामायण में तीन सोपान है। पुरुषार्थ, प्रार्थना और प्रतीक्षा। राम जन्म से पहले रावण जन्म की कथा है। इसका मतलब सत्संग ना मिले कोई बात नहीं, लेकिन कुसंग से सदा बचिए। कुसंग से जीव का पतन होता है।उन्होंने कहा कि जब तक मनुष्य रामकथा नहीं सुनता तब तक मोह नहीं भागता। वहीं जीवन के हर संशय का समाधान राम कथा करती है। मन्दिर प्रबंधन कमेटी सदस्य फतेहसिंह ने बताया कि तीसरे दिन शुक्रवार को मन्दिर प्रांगण में श्री गणेश पूरी महाराज वरिया के सानिध्य में पंडित मनोहर लाल अवस्थी द्वारा कन्या पूजन करवाया गया। ट्रस्ट अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल द्वारा लाभार्थी परिवार श्री चेनसिंह तगसिंहजी नोसर का अभिवादन कर पुण्य कमाने की आशीष दी । इस दौरान श्यामसिंह नोसर, दलपतसिंह नोसर, लालसिंह असाड़ा, देवेंद्रकुमार माली, राजेश भाई पंजाबी, मुकेश गुप्ता, हितेंद्र चारण, जितेन्द्रसिंह डंडाली, मुलतान माली, जितेंद्र मेवाड़ा, धर्मेंद्र दवे, विमल मालवीय, महेंद्र कुमावत, कल्पेश सोनी सहित सर्वसमाज के कार्यकर्ता मौजूद रहे। रामकथा का प्रसारण केवल ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है। भक्त मन्दिर के सोशल साइट्स फ़ेसबुक, यूट्यूब के साथ एसएम केबल व डीसीएन केबल टीवी नेटर्वक के जरिए इसका लाभ ले सकते हैं।