रीट परीक्षा से 4 घंटे पहले 12 लाख में पेपर आउट की थी योजना
-दो शिक्षकों से 9.50 लाख बरामद, गिरोह में दो दर्जन सरकारी कार्मिक शामिल
बालोतरा- रीट भर्ती परीक्षा के शुरू हाेने से महज 36 घंटे पहले बाड़मेर के बालोतरा में नकल गिरोह के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। अंतरराज्यीय नकल गिरोह के दो सरकारी शिक्षकों को पुलिस ने दस्तयाब किया है। इनके कब्जे से 9.50 लाख रुपए नकद, चेक बुक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, रीट परीक्षा के दर्जनों एडमिट कार्ड, दो चेहरों के मिक्स फोटोयुक्त फर्जी दस्तावेज, प्रिंटर, फोटो कॉपी मशीन, एक बिना नंबरी स्कार्पियों गाड़ी को बरामद किया है। चौकाने वाली बात ये है कि इस गिरोह का नेटवर्क केवल राजस्थान में ही नहीं था, बल्कि देश के कई राज्यों में बड़ी-बड़ी प्रतियोगी भर्ती परीक्षाओं में नकल करवा चुका है। इस गिरोह में बाड़मेर और जालोर के दो शिक्षकों को दस्तयाब किया है और पुलिस कड़ी पूछताछ कर रही है। इसके अलावा करीब दो दर्जन से ज्यादा सरकारी कर्मचारी शामिल है। रीट परीक्षा शुरू हाेने से महज 4 घंटे पहले अभ्यर्थियों को आंसर की के साथ हल किया हुआ पेपर देना था और उसके लिए प्रति अभ्यर्थी 12-12 लाख रुपए में सौदा तय हुआ। बाड़मेर पुलिस ने इस नकल गिरोह के मंसूबों को नाकाम कर दिया है और बड़ी संख्या में इसमें सरकारी कर्मचारी शामिल है, जिनकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने आरोपी रमेश पुत्र बुधाराम विश्नोई निवासी कुड़ी पुलिस थाना पचपदरा व दूसरा सुरेश कुमार पुत्र चुतराराम विश्नोई निवासी सिवाड़ा चितलवाना को गिरफ्तार किया है। आरोपी रमेश विश्नोई गिड़ा पुलिस थाना के लापुंदड़ा के सरकारी स्कूल में कार्यरत है, जबकि दूसरा चितलवाना के सिवाड़ा में कार्यरत है। दोनों शिक्षक खुद भी नकल गिरोह में शरीक होकर पास हुए हैं।
चार घंटे पहले आउट होना था पेपर-
जानकर सूत्र बताते है कि आरोपी रमेश बिश्नोई ने 5 अभ्यर्थियों से 12-12 लाख रुपए लिए थे। वहीं उन्हें परीक्षा से चार घंटे पहले पेपर सॉल्व करवाकर देने का कहा गया था। नकल गिरोह में शरीक आरोपियों को परीक्षा से पहले पेपर आउट करवाकर उसे एक्सपर्ट से सॉल्व करवाना था। इसके बाद अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ा कर हाथों-हाथ परीक्षा से पहले सेंटर तक छोड़ आते हैं। आरोपी रमेश विश्नोई के घर से कई बैंक खातों की डायरियां, चैक व पासबुक मिली है। वहीं प्रदेशभर के रीट परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र, पहचान पत्र, उनकी शक्ल से मिलते-जुलते फोटो सहित अन्य पहचान पत्र भी मिले है। पुलिस इस गैंग में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।
10 साल से सक्रिय था सरकारी कार्मिकों का गिरोह-
दोनों आरोपी प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर आउट, एवजी परिक्षथिर्यो को बैठाने का गिरोह चला रहे हैं, जो करीब 10 साल से अधिक समय से गिरोह के रूप में बड़ी राशि वसूल कर परीक्षाएं पास करवाते हैं। इस गिरोह में करीब दो दर्जन से ज्यादा सरकारी कर्मचारी है, जो खुद भी दूसरे परीक्षार्थी की जगह पर एसआई सहित अन्य परीक्षाओं में बैठ चुके है। बड़े गिरोह के सामने आने पर पूरे प्रदेश में पुलिस अलर्ट हो गई है, जो आरोपियों से पूछताछ के आधार पर अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
बिना नंबरी एक स्काॅर्पियो, एडमिट कार्ड, मिक्स फोटो के फर्जी दस्तावेज जब्त किए-
बालोतरा पुलिस ने शुक्रवार शाम करीब 8:30 बजे मेगा हाईवे पर मूंगड़ा सर्किल के समीप एक रहवासीय मकान पर दबिश देकर दोनों शिक्षकों को गिरफ्तार नकल के नेटवर्क का खुलासा किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी आनंद शर्मा खुद बालोतरा पहुंचे। वे आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ कर गिरोह के अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रहे है। आरोपी रमेश विश्नोई फरवरी 2018 में शिक्षक बना। वहीं दूसरा आरोपी सुरेश कुमार वर्ष 2012 भर्ती में शामिल हुआ था। रमेश दूसरे आरोपी सुरेश से पैसे देकर शिक्षक बनने के बाद इनके साथ ही गिरोह में जुड़ गया। गिरोह पूरे राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षा पास करवाने की एवज में अभ्यर्थियों से लाखों रुपए की वसूली करते हैं।