मादक पदार्थो का प्रयोग हमारे समाज को खोखला कर रहा- रावल किशनसिंह जसोल
रूपादे मंदिर में हुआ सन्त सम्मेलन का आयोजन , रात्रि में बही भजनों की सरिता
बालोतरा- मृत्युभोज व विभिन्न अवसरो पर अफीम -डोडा जैसे मादक पदार्थो का प्रयोग हमारे समाज को खोखला कर रहे है, ऐसी कुरीतियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना होगा तभी समाज गुणवान बनेगा और प्रगति करेगा‘‘- ये उद्गार श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान जसोल के अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल ने पालिया स्थित राणी रुपादे मन्दिर परिसर में आयोजित चतुर्थ वर्ष धर्म सभा में कहे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में इसका समर्थन व आयोजन अज्ञानता व मूर्खता है। आज समाज शिक्षित होने के नाते ऐसी कुरीतियों को तर्क व बुद्धि की कसौटी पर कसे और हर सिरे से मृत्युभोज व अफीम-डोडा के प्रयोग की कुप्रथा को नकारे। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि शास्त्रो को पढे और समझे, विद्धान संतो व विद्धानो के कथनो का अनुसरण करे ताकि मृत्युभोज व अफीम-डोडा आदि मादक पदार्थ की कुरीतियॉ हमारे समाज से दूर हो, जो दिनोदिन दीमक की तरह समाज को खोखला कर रही है। बाड़मेर के रावत श्री त्रिभुवन सिंह जी ने कहा कि रावल मल्लीनाथ और राणी रुपादे जिस कुल ओर क्षेत्र में पेदा हुए है वह अपने आप में गर्व करने योग्य है। उन्होन अपने जीवन में जिस विचार धारा का प्रसार किया व हर वर्ग के सम्प्रदाय व हर जाति ने उसका अनुसरण किया और आज भी रावल मल्लीनाथ व राणी रुपादे न सिर्फ याद करते है बल्कि उनके बताये हुए मार्ग पर चलते हुए श्रद्धा पूर्वक याद करतें है, यही महान साधु सन्तो की पहचान है। इस आयोजन में लूणा रावजी रामसिंह ,पोकरण विधायक शैतानसिंह सहित बाड़मेर जैसलमेर जोधुपर जालौर व पाली आदि जिलो से हजारो श्रद्धालुओ ने शिरकत की।
धर्म सभा का हुआ आयोजन
धर्म सभा में राम जन्म भूमि न्यास अयोध्या के अध्यक्ष महन्त श्री नृत्य गोपालदास महाराज ने कहा कि रावल मल्लीनाथ व राणी रुपादे संत के रुप में महान विभूतियॅा थी जिन्होने धर्म कि रक्षा की और त्याग व तपोमय जीवन से लोगो को प्रेरणा दी कि धर्म न छोड़े तथा धर्म के मार्ग का अनुसरण ही मनुष्य जीवन की सार्थकता का उद्देश्य है
डॅुगरपुरी मठ चौहटन के महन्त श्री जगदीश पुरी महाराज ने कहा कि रावल मल्लीनाथ और राणी रुपादे ऐसे युग में हुए जिसमें रामदेवजी हडबुजी पाबुजी व जैसल तोरल जैसे सन्त थे और उस युग कि जो विषम परिस्थियों थी उस परिस्थितियो में मानव मात्र के मार्ग दर्षन बन कर सही रास्ता बताया।
चन्द्र घण्टेष्वर महादेव मठ के महन्त नारायण भारती महारज ने कहा कि मनुष्य जीवन अनमोल है तथा यह देवताओ के लिए भी दुर्लभ है क्योकि 84 लाख योनियो मं भटकने के बाद इस मनुष्य जीवन की प्राप्ति होती है और इसमें सार्थकता तभी है जब मनुष्य सेवा के भाव को अपनाते हुए आत्म कल्याण की ओर बढे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समदड़ी मठ के महन्त मृत्युजंयपुरी जी महाराज ने रावल मल्लीनाथ व राणी रुपादे के जीवन चरित्र को आज के युग कि आवश्यकता बताई। कार्यक्रम में भरड़कोट महंत सेवानाथ जी भी उपस्थित थे।
इनका किया सम्मान
इस अवसर पर प्रतिभाओ के रुप में जकार्ता में आयोजित एशियाई गेम्स में घुड़सवारी प्रतिस्पर्धा में रजत पदक विजेता जितेन्द्र सिंह भाटी, उनके कोच गुलाब सिंह, युवा उद्यमी आजाद सिंह बाड़मेर, डॉ. चतुर्भुजसिंह राठौड़, डॉ.नारायण सिंह, डॉ हितेन्द्र सिंह, डॉ. महिपाल सिंह राठौड़, समाजसेवी व व्यवसायी उदयसिंह ,गुलाबसिंह डडाली, लेखक मोहनलाल गहलोत, मन्दिर संस्थान पर सराहनीय सेवा देने वाले कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारी विजयसिंह जोधा, भोपाल सिंह मलवा, तथा मन्दिर निर्माण मे लगे कारीगर अमराराम देवासी को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मोहनलाल गहलोत लिखित पुस्तक ‘‘रावल माल रुपादे राणी‘‘ का विमोचन किया गया।
रात्रि में भजन संध्या का हुआ आयोजन
इसमें पूर्व सोमवार रात्रि में दूधेष्वर नाथ महादेव मठ के महन्त व जूना खेड़ा के अतर राष्ट्रीय पूज्य नारायण गिरी महाराज व महन्त सेवा गिरी महाराज, कनाना मठ के महन्त परशुराम गिरी महाराज व परेऊ मठ के महन्त ओंकार भारती महाराज, मेवानगर के महन्त अमरनाथ के सानिध्य में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया । जिसमें भजन गायक सिमरथाराम भील, भवरनाथ केसुम्बला, हेमाराम जसोल, धनाराम देवासी, जीवाराम देवासी, कालुराम देवासी आदि ने रावल श्री मल्लीनाथ जी एवं राणी श्री रुपादेजी के जीवन चरित्र पर आधारित भजनों की सुमधुर प्रस्तुतिया देकर श्रोताओं को भक्तिभाव से भावविभोर कर दिया। इस आयोजन में सारी व्यवस्थाएं कुॅ. हरिष्चन्द्र सिंह जसोल के मार्गदर्षन में श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान के कर्मचारियो एवं स्वयं सेवको ने निभाई। वही मंच संचालन चंदनसिंह चांदेसरा ने किया ।