बालोतरा। नगर परिषद की साधारण बैठक सभापति रतनलाल खत्री की अध्यक्षता में
आयोजित हुई। जिसमें क्षेत्रीय विधायक के बैठक में अनुउपस्थिति को लेकर
सत्तापक्ष के पार्षदों ने शोर शराबा किया वहीं निगरानी याचिका स्वायत
शासन विभाग के आदेश की पालना में सेसकर ठेका पर संवेदक द्वारा राजस्थान
उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश की प्रति बोर्ड बैठक में प्रस्तुत करने
को लेकर सत्ता पक्ष व प्रतिपक्ष के अधिक पार्षदों ने समर्थन किया। वहीं
प्रतिपक्ष के तीन पार्षदों ने इसका विरोध कर सेसकर ठेका करने को लेकर
काफी समय तक बैठक में पार्षदों की नोकझोक होती रही। तथा आपस में उलझते
नजर आये। बालोतरा के इतिहास में पहली बार नगर परिषद की साधारण सभा में
जिसका अनेक पार्षदों ने विरोध किया तथा सदन की गरिमा को ठेस बताया।
मंगलवार को दोपहर तीन बजे परिषद के सभागार में आयोजित बैठक के प्रारंभ
में आयुक्त आसुतोष आचार्य ने बैठक की कार्यसूचि के अनुसार कार्यवाई शुरू
की तो पार्षद राजेश जैन ने कहा कि अनेक बार विद्युत विभाग, जलदाय विभाग व
सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बैठक की सूचना देने के बाद
उपस्थित नहीं रहते है जिससे उनके विभाग सम्बंधी समस्याओं का समाधान नहीं
होता है। सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि भविष्य में उक्त विभागों
के अधिकारियों सूचना के पश्चात भी उपस्थित नहीं होने पर उनके खिलाफ जिला
कलेक्टर को शिकायत की जाएगी। पार्षद नरेश ढेलडिया, उप सभापति राधेश्याम
माली, नरसिंग प्रजापत ने कहा कि गत अनेक बार बैठक के स्थगित हुई है,
लेकिन क्षेत्रीय विघायक बैठकों में भाग नहीं लेकर शहर के विकास में रोडा
बन रहे है। जिसको लेकर सत्ता पक्ष व प्रतिपक्ष के पार्षदों में काफी समय
तक नोकझोक हुई। विभिन्न समाजों को भूमि आवंटन सम्बंधी प्राप्त आवेदनों पर
विचार के सम्बंध में जब पार्षदों ने विस्तृत जानकारी चाही तो आयुक्त ने
बताया कि महेश्वरी समाज, राजपुरोहित समाज व देवासी पशु पालन समाज ने भूमि
आवंटन के बारे में आवेदन दिये है। जिस पर सभापति रतनलाल खत्री ने कहा कि
राजपुरोहित समाज ने जो आवेदन किया है वह सरकारी भूमि नदी के तट पर स्थित
है तथा तत्कालीन आयुक्त ने अपनी मर्जी से राज्य सरकार को पत्रावली भेज दी
गई है। तथा पांच हजार रूपये भी शुल्क जमा करवा दिये है। उन्होने तत्कालीन
आयुक्त ने सदन को गुमराह किया है जिसके लिए सर्वसम्मति से उनके खिलाफ
कार्यवाही के लिए राज्य सरकार को लिखने का निर्णय लिया गया। उसके पश्चात
विभिन्न सरकारी विभागों को भूमि आवंटन के बारे में बैठक में बताया गया कि
पूर्व में आसोतरा फांटा पर विद्युत विभाग को जीएसएस के लिए भूमि आवंटन की
गई थी। उसकी राशि 2 करोड रूपये बकाया। इसके लिए पूर्व की राशि जमा करवाने
के पश्चात भूमि आवंटन की एनओसी दी जाए। स्टोर व सफाई शाखा पत्रावलियां पर
विचार विमर्श के दौरान पार्षद श्रीमती प्रमिला खत्री ने कहा कि स्वच्छ
भारत के दौरान बनाये जाने वाले शौचालय की एक किश्त मात्र चार हजार रूपये
आये है उसके पश्चात राज्य सरकार ने शौचालय बनाकर देेने का निर्णय लिया।
जिसके लिए सरकार के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव पारित किया जाए। जिसको लेकर
प्रतिपक्ष के पार्षदों ने जानकारी चाही तो आयुक्त ने बताया कि पिछले तीन
वर्षो में स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत सरकार ने 7.12 करोड का बजट
दिया है। तथा नगर परिषद ने उसके बदौलत 8.61 करोड रूपये खर्च किये है।
जिसके लिए राज्य सरकार बधाई की पात्र है। जिसको लेकर बैठक मे काफी समय तक
शौर शराबा होता रहा तथा पार्षद प्रमीला खत्री व सभापति ने छुपी साध ली।
बैठक में निगरानी याचिका स्वायत शासन विभाग के आदेश की पालना में सेसकर
ठेके पर जब विचार विमर्श शुरू हुआ उससे पूर्व सेसकर सवेदक रिद्धि सिद्धि
एसोसिएट ने राजस्थान उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की प्रति प्रस्तुत की।
जब आयुक्त आसुतोष आचार्य ने राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा उक्त सेसकर
ठेके पर विचार विमर्श कर रोक लगाने का आदेश पढकर सुनाया तो बैठक में
पार्षद राजेश जैन, पुष्पराज चौपडा, देवीचंद ओस्तवाल व नरेश ढेलडिया ने
हंगामा खडा कर दिया। और कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश
नहीं दिया है जिसका सत्ता पक्ष के उपसभापति राधेश्याम माली, नरसिंग
प्रजापत, धनराज घांची, श्रवण सुन्देशा, चम्पालाल सुन्देशा सहित अनेक
पार्षदों तथा प्रतिपक्ष के शैतानसिंह चारण, मांगीलाल सांखला, मानवेन्द्र
परिहार, टिकमाराम चौधरी, पुखराजसिंह राजपुरोहित, साबीर भाई, मांगीलाल
भील, दुर्गादेवी सोनी, मैना देवी ने भी स्थगन आदेश समर्थन करते हुए कहा
कि जब न्यायालय ने स्थगन आदेश दे दिया तो इस पर चर्चा नहीं की जाए। काफी
समय के शौर शराबे के बाद लगभग आधा घण्टा तक बैठक रूकी रही। उसके पश्चात
नगर परिषद के उच्च न्यायालय में महा अधिवक्ता सुनिल से सभापति व आयुक्त
दुरभाष पर बात की । अधिवक्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय अगली सुनवाई 21
मार्च रखी है उसके पश्चात ही कोई कार्यवाई की जाए। बैठक में दीनदयाल
संस्थान को भूमि के बदले भूमि देने का प्रस्ताव पारित किया गया। टाउन हाल
व भगतसिंह सभा स्थल का किराया बढाने को लेकर सभापति ने कहा कि भगतसिंह
सर्कल का कम किराया है तथा किरायादार गंदगी छोडकर चले जाते है। जिसको
लेकर सफाई के अलग से एक हजार रूपये शुल्क बढाने का प्रस्ताव पारित किया
गया। तथा टाउन हॉल का पांच हजार किराया का प्रस्ताव पारित किया गया।
पार्षद जीतमल सुथार ने कहा कि नगर परिषद के इन्द्रागांधी प्रथम चरण के
खसरा 291 व 292 में जो अतिक्रमण है उसको हटाया जाए तथा जिन लोगों ने गलत
तरीके पट्टे प्राप्त किये है उनके पट्टे खारिज कर अतिक्रमण हटाया जाए।
बैठक में दुधारू पशु को सडकों पर छोडने वालों के खिलाफ कार्यवाई करने का
निर्णय लिया गया। हाल ही मे राजकीय नाहटा चिकित्सालय में आश्रय स्थल का
उदघाटन किया गया उसके शिलालेख पट्टीका पर सभी पार्षदों के नाम अंकित
लेकिन पार्षद राजेश जैन का नाम अंकित नहीं होने पर उन्होने रोष प्रकट
किया। जिस पर सभापति खत्री ने मानवीय भूल बताते हुए दुसरी पट्टीका लगाने
का आश्वासन दिया। बैठक में प्रतिपक्ष नेता मदनराज चौपडा अनुउपस्थित रहे।
तथा उन्होने लिखित में पत्र भेजा। पार्षद प्रभा सिंघवी बैठक में पहुची
तथा रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज कर चली गई।
पूर्व आयुक्त के विरूद्ध कार्यवाई का मुद्दा छाया रहा बैठक में
सेसकर के मामले में पूर्व में रिद्धि सिद्धि एसोसिएट को 1 सितम्बर से
2017 से मार्च 2019 तक टेण्डर अनुसार कार्य आदेश दिया गया था। लेकिन
कलेक्टर के दवाब में तत्कालीन आयुक्त शिवपालसिंह राजपुरोहित ने 7 सितम्बर
2019 को संशोधित आदेश 31 मार्च 2018 तक का कार्यआदेश जारी किया। जिसको
लेकर सवेदक ने स्वायत शासन विभाग से गुहार लगाई जिसको लेकर स्वायत शासन
विभाग ने नगर परिषद को बोर्ड बैठक निर्णय लेकर पालना रिपोर्ट भेजने के
निर्देश दिये। मंगलवार को सवेदक ने उच्च न्यायालय से स्वायत शासन विभाग
के आदेश के विरूद्ध स्थगत आदेश प्राप्त कर लिया। बैठक में पार्षदों
तत्कालीन आयुक्त शिवपालसिंह राजपुरोहित के खिलाफ राज्य सरकार को लिखने का
प्रस्ताव पारित किया। इसी प्रकार राजपुरोहित समाज को भूमि आवंटन के मामले
में भी सभापति के बिना हस्ताक्षर अपनी मनमर्जी राशि जमा करवाकर पत्रावली
नियम विरूद्ध राज्य सरकार को भेजने पर पार्षदों तत्कालीन आयुक्त
राजपुरोहित के खिलाफ कायवाई के लिए राज्य सरकार को लिखने प्रस्ताव पारित
किया।