केन्द्र सरकार द्वारा, नाबार्ड के माध्यम से लागू की जाने वाली, प्रायोजित योजनाओं पर बैंकर्स एवं अन्य हितग्राहियों के लिये बाड़मेर जिले मे एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 11 सितम्बर 2017 को होटल कलिंगा पेलेस, बाड़मेर में नाबार्ड के द्वारा किया गया. कार्यशाला में शिवप्रसाद मदान नकाते, जिला कलेक्टर ने पशुपालन विभाग एवं सभी बैंको के सामंजस्य के साथ स्कीम में प्रगति लाने के लिए निर्देशित किया तथा सर्विस डिलीवरी मैकानिज़म में सुधार लाकर इससे समाज के सबसे जरूरतमन्द तबके तक सरकारी योजनाओ का लाभ मिले यह सुनिशित करने का भी आवश्यकता बताई. कार्यशाला में नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक डॉ दिनेश प्रजापत ने केन्द्र सरकार द्वारा, प्रायोजित योजनाओं के दिशा निर्देशों पर प्रकाश डाला तथा जिसमे स्वयं रोजगार के अवसरों का सृजन, दुग्ध उत्पादन में वृद्धि, स्वच्छ दूध उत्पादन , सरक्षण, प्रसंस्करण और दुग्ध वितरण को बढ़ाने के उढ्देशय से “डेयरी उद्यमिता विकास योजना” के अंतर्गत किसान, उद्धयमी, स्वयम सहायता समूह, कृषक उत्पादक कंपनी इत्यादि दूध मूल्य श्रृंखला के सभी घटक जैसे छोटी डेयरी इकाई (2-10 पशु), बछिया इकाई (20 बछिया तक), केचुआ खाद, दूध निकालने की मशीन, बल्क मिल्क कूलर, शीत गृह, देशी दुग्ध उत्पादो के निर्माण, चिलिंग वाहन इत्यादि के लिए 25-33 प्रतिशत तक बैक-एंडेड पूँजीगत सब्सिडी का प्रावधान के बारे में बताया इसके अलावा किसान राष्ट्रीय पशुधन मिशन के उद्यमिता विकास रोजगार सृजन के अंतर्गत भेड़, बकरी पालन की रेयरिंग एवं प्रजनन इकाइयां स्थापित कर सकते है. इस हेतु 25% से 33.33% बैक-एंडेड पूँजीगत सब्सिडी का प्रावधान है. यह अनुदान दिनांक 30 सितंबर 2017 तक स्वीकृत ऋण आवेदन पर ही लागू होगा तथा अनुदान पहले आओ पहले पाओ के अधीन होगा.
इस अवसर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नवनियुक्त सहायक महाप्रबन्धक श्री आर. सी. मीणा ने केन्द्र सरकार द्वारा, प्रायोजित योजनाओं में पूरा सहयोग देने का आश्वशन दिया तथा उन्होने बैंकर्स से सक्रिय एवं प्रगतिशील किसानो को इस स्कीम से जोड़ने का आह्वान किया. श्री अशोक कुमार गीगाल, अग्रणी जिला प्रबंधक, बाड़मेर एवं श्री आर के भानवायरत, अग्रणी जिला प्रबंधक, जैसलमेर ने जिले के विभिन्न बैंकों के माध्यम से इन योजनाओं के अंतर्गत ऋण प्रवाह का आश्वासन दिया. कार्यशाला में डॉ . विनय मोहन खत्री, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी ने पशु पालन विभाग की पशु कल्याणकरी योजनाओ पर एवं श्री एम एल डांगी, विषय विशेषज्ञ, कृषि विज्ञान केंद्र, बाड़मेर ने जिले में भेड़ एवं बकरी पालन पर विस्तृत चर्चा की.
कार्यशाला में पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारियों, विभिन्न बैंको के अधिकारियों, कृषि विज्ञान केंद्र, बाड़मेर एवं श्योर संस्थान के पदाधिकारियों एवं प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया.