जयपुर, 5 अगस्त। संयुक्त अरब अमीरात के संस्कृति, युवा एवं सामुदायिक विकास मंत्री शेख नहायन बिन मुबारक अल नहायन ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति के मानवीय एवं सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। इससे व्यक्ति के भविष्य का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के समुचित विकास के लिए जरूरी है कि हर बच्चे को समान रूप से शिक्षा का अधिकार मिले चाहे वह गरीब हो या अमीर, लड़की हो या लड़का, शहरी पृष्ठभूमि से हो या ग्रामीण क्षेत्र से।
शेख नहायन शनिवार को मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की उपस्थिति में जयपुर एग्जीबिशन एण्ड कन्वेंशन सेंटर में देश के पहले एजूकेशन फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया में फैली आर्थिक असमानता एवं गरीबी-अमीरी के भेदभाव को दूर करने में शिक्षा की अहम् भूमिका है। विश्व में जो वैज्ञानिक एवं तकनीकी बदलाव आ रहे हैं उन्हें अपनाना आज की जरूरत है और इसे अपनाने के लिए हमारे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए जरूरी है कि पूरा समाज समर्पित भाव से प्रयासों में जुट जाए और सरकार के साथ-साथ अभिभावक भी स्कूलों को पूरा सपोर्ट करें।
श्री नहायन ने दुनिया के हर कोने में बच्चों की पहुंच शिक्षा तक बनाने के लिए रचनात्मक प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से हम आपसी वैमनस्य को दूर कर हमारी बहुलवादी संस्कृति को जीवित रख सकते हैं। आज दुनिया में शांति, स्थिरता एवं समृद्धि लाने के लिए शिक्षा ही सर्वश्रेष्ठ उपाय है।
मुख्यमंत्री की पहल को सराहा
शेख नहायन ने कहा कि एजूकेशन फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में मेरी उपस्थिति इस बात को दर्शाती है कि भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात के रिश्ते कितने मजबूत और दोस्ताना हैं। उन्होंने जयपुर शहर को ऎतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध बताते हुए इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे को धन्यवाद दिया और कहा कि मुख्यमंत्री की इस नई पहल से शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति आएगी और दुनिया में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों से यहां के शिक्षक और बच्चे रूबरू हो पाएंगे।
सीखने पर आधारित शिक्षा को बढ़ावा दे रही राज्य सरकार – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने इस अवसर पर कहा कि राजस्थान जैसे प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों और बिखरी हुई आबादी के चलते बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध करा पाना एक चुनौती है। हमारी सरकार ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए शिक्षा व्यवस्था में आमूल बदलाव कर इसे सीखने पर आधारित बनाने पर बल दिया है। आज प्रदेश में 63 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों के तीन लाख क्लासरूम्स में तीन लाख टीचर्स के माध्यम से 75 लाख बालक-बालिकाएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
श्रीमती राजे ने कहा कि बालिकाओं के लिए अलग टॉयलेट्स और स्वच्छता को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार ने जो प्रयास किए हैं, उनसे स्कूलों में बालिकाओं की उपस्थिति और नामांकन में सुधार आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल, इंजीनियरिंग, वकालत और मैनेजमेंट के अलावा प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को विज्ञान और कला के विषयों में भी उच्च अध्ययन के अवसर उपलब्ध कराने होंगे, क्योंकि ये विषय ही मानव सभ्यता की प्रगति के मूल आधार हैं।
श्रीमती राजे ने कहा कि राष्ट्र निर्माण की दिशा में शिक्षक महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। इसलिए जरूरी है कि शिक्षक आधुनिक समय की आवश्यकताओं के हिसाब से स्वयं को अपडेट करें। इसी को ध्यान में रखकर हमारी सरकार शिक्षकों की क्षमता संवर्धन के लिए उन्हें नई शिक्षण पद्धतियों और पाठ्यक्रमों में आ रहे बदलावों से अवगत करा रही है।
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सिर्फ डिग्रियां ही काफी नहीं है। इसलिए हम मूलभूत शिक्षा के साथ-साथ उद्योगों के सहयोग से कौशल विकास पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश कौशल विकास के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन चुका है और प्रदेश में दो नई स्किल यूनिवर्सिटीज की स्थापना भी की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित संस्थान आगे आएं।