राजस्व लोक अदालत अभियान – न्याय आपके द्वार के अन्तर्गत राजसमन्द पंचायत समिति अन्तर्गत पीपरड़ा में हाल ही हुए शिविर में हाथों हाथ अपने काम हो जाने के कारण एक साथ कई सारे सुकून मिल जाने की खुशी में अस्सी बसन्त देख चुकी, परिवार के नाम पर अकेली बुजुर्ग विधवा श्रीमती श्रृंगारी बाई सालवी खुशी में अत्यन्त भावुक हो उठी।
श्रीमती श्रृंगारी बाई सालवी ने शिविर में आकर शिविर प्रभारी, उपखण्ड अधिकारी श्री राजेन्द्रप्रसाद अग्रवाल को बताया कि वह अन्त्योदय श्रेणी में शामिल है तथा 2 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से उसे अभी तक 35 किलोग्राम गेहूँ मिल रहा था किन्तु पिछले 3-4 महीने से उसे राशन का गेहूँ एवं शक्कर नहीं मिल रही है। इस पर राशन डीलर को तलब कर पोस मशीन पर श्रृंगारी बाई की दसों उंगलियों को लगा कर देखा गया तो पाया कि उसका बायोमैट्रिक मिलान नहीं हो पा रहा है। कम्प्यूटर से उसका अकाउंट देखने पर उसे अंतिम बार 24 मार्च को गेहूं मिलने की पुष्टि हुई।
सफलता की कहानी – 80 पार श्रृंगारी बाई के लिए वरदान साबित हुआ न्याय आपके द्वार शिविर निकले दिली उद्गार – सरकार ही म्हारी माई-बाप है, हाऊ काम वेग्यो, म्हें घणी-घणी राजी वई
जयपुर, 10 जून। न्याय आपके द्वार शिविर में अस्सी वर्षीय श्रृंगारी बाई बेहद भावुक हो उठी। तीन महीने का इकट्ठा गेहूँ और चीनी मिलने और साथ ही साथ पेंशन में बढ़ोतरी की बात सुनकर बूढ़ी अम्मा की आँखों में खुशी के आँसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा जो काफी देर तक थम ही नहीं पाया। उसने दिल से सरकार का आभार जताते हुए कहा – सरकार ही म्हारी माई-बाप है। हाऊ काम वेग्यो। म्हें घणी-घणी राजी वई।