केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण टीम पहुंची बालोतरा
टीम ने लूणी नदी और ग्राउड वाटर से लिए पानी के सैंपल
सैंपल रिपोर्ट आने के बाद पूरी रिपोर्ट तैयार कर भेजेंगे सरकार को
बालोतरा- पाली और जोधपुर की फैक्ट्रियों से प्रदूषित हई लूणी नदी का पानी बाड़मेर जिले के समदड़ी तक पहुंच गया है। इसको लेकर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक की टीम और विधायक हमीर सिंह भायल समदड़ी पहुंचे और उन्होंने किसानों से जानकारी लेने के साथ-साथ लूणी नदी में आए रासयनिक पानी व किसानों के बेरों के पानी के अलग-अलग सैंपल लिए। सैंपल रिपोर्ट आने के बाद रिपोर्ट बनाकर सरकार को देंगे। दरअसल, बाड़मेर जिले की मरूगंगा नाम से विख्यात लूणी में पिछले एक दशक से पाली जिले की फैक्ट्रियों से नेहड़ा बांध में इकट्ठा रसायन युक्त पानी व जोधपुर की जोजरी नदी में एकत्रित दूषित पानी मानसून से पूर्व लूणी में छोड़ने के कारण नदी के तट पर किसानों की खेती को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। वहीं, करीब 100 से अधिक छोटे-बड़े कस्बे प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन इसका स्थाई समाधान नहीं हो रहा है और इससे किसानों की भूमि बंजर हो रही है।
कृषि कुओं में रिसाव के कारण पीने योग्य पानी भी पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। इस प्रदूषित पानी को पीने से सैकड़ों मवेशियों की हर वर्ष मौत हो रही है। इसको लेकर किसानों ने कुछ दिन पहले रैली निकाल कर आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। विधायक हमीर सिंह भायल लूणी नदी प्रदूषित होने से रोकने के लिए पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से मिले थे और किसानों की समस्या का समाधान करने की मांग भी की थी।
केन्द्रीय टीम पाली और जोधपुर की फैक्ट्रियां से कहां से पानी आ रहा है वहां पर भी जाकर सर्वे करेगी। रविवार को समदड़ी क्षेत्र के रामपुरा, महेश नगर सहित बहाव वाले क्षेत्र में पहुंचकर पानी से होने वाले नुकसान की किसानों से जानकारी लेकर सर्वे किया है।
वैज्ञानिक प्रवीण कुमार जैन ने बताया कि लूणी नदी और ग्राउंड वाटर के भी सैंपल लिए हैं। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद पानी की क्या स्थिति है उसका पता चल पाएगा। सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल ने बताया कि मैंने दिल्ली जाकर पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से मुलाकात की थी और उनको मैंने सारी वस्तुस्थिति से अवगत करवाया था। इसके बाद उन्होंने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण की टीम को भेजा।
बीते कई सालों से लगा रहे गुहार-
पिछले कई वर्षों से किसान प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई थी। अब केंद्रीय टीम आने के बाद किसानों को उम्मीद जगी है। यह प्रदूषित पानी को जमीन भी सूखती नहीं है। यह पानी लूणी नदी में पड़ा रहता है और बरसात ज्यादा होने या लूणी नदी में पानी ज्यादा के बाद बरसाती पानी के साथ यह दूषित पानी खेतों में चला जाता है तब यह पानी आगे से आगे बढ़ता जाता है। इससे किसानों की जमीन का उपजाऊपन खत्म हो रहा है।
गड्ढे में महीनों तक जमा रहता पानी –
लूणी नदी के आसपास अवैध खनन होने के कारण बड़े- बड़े गड्ढे हो गए हैं। इन गड्डो के अंदर प्रदूषित पानी के भराव से नदी तो प्रदूषित हो ही रही है, दूषित पानी भी पड़ा रहता है। वहीं, प्रदूषित पानी की दुर्गंध के कारण आस-पास के इलाकों में रहने वालों का जीना दुश्वार हो गया है। इस मौके पर विधायक हमीर सिंह भायल भाजपा मंडल अध्यक्ष पारसमल प्रजापत, प्रधान प्रतिनिधि मुकेश जीनगर सहित क्षेत्र के सैकड़ों किसान मौजूद थे।