जयपुर 06 अगस्त। राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कहा है कि मनुष्य ने योग्यता व ज्ञान अर्जित करने के लिए एक लम्बा सफर तय किया है। बदलते परिवेश में, शिक्षा के क्षेत्र में अभिव्यक्ति एवं सम्प्रेषण के तरीके बदल रहे हैं। श्यामपट्ट एवं हरितपट्ट का स्थान अब स्मार्ट क्लासरूम ले रहे हैं। शिक्षा का उद्देश्य बेहतर भविष्य तैयार करना और उन्नत नैतिक मूल्यवान व्यक्तित्व का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि हमारी शैक्षिक संस्थाओं द्वारा भावी पीढ़ी के रूप में ऎेसा नेतृत्व तैयार किया जाये, जो देश के लिए नैतिक मानदण्ड़ों को स्थापित कर सके।
राज्यपाल श्री सिंह रविवार को यहां सीतापुरा स्थित जेईसीसी सभागार में आयोजित फेस्टिवल आफ एज्यूकेशन के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे, उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी, शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी, श्रीमती उषा पारासर, मुख्य सचिव श्री अशोक जैन, श्री सनी बरकी, कॉरपोरेट सेक्टर के उद्यमीगण एवं प्रबुद्ध जन, सहित अनेक गणमान्य नागरिकगण मौजूद थे।
राज्यपाल ने कहा है कि राजस्थान को इस बात के लिए मैं बधाई देना चाहूँगा कि यहां शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति हुई है। प्रसन्नता की बात है कि राजस्थान में हुए नवाचारों को केन्द्र सरकार द्वारा सराहा गया है। श्री सिंह ने कहा कि यह शिक्षा का मेला है। इस मेले के दौरान ‘ ज्ञान संकल्प पोर्टल ’ तथा ‘ मुख्यमंत्री विद्यादान कोष ’ की शुरूआत हुई है। यह सराहनीय पहल है। मुझे आशा है कि इस प्लेटफार्म के माध्यम से समुदाय, कॉरपोरेट सेक्टर व सरकार मिल-जुल कर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञान के संकुल के रूप में विकसित होने की राह पर राजस्थान चल रहा है। ‘फेस्टिवल ऑफ एज्यूकेशन’ इस यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस फेस्टिवल में शिक्षक, शिक्षाविद्, नौकरशाह, विभिन्न पेशेवरों एवं प्रबुद्धजनों ने अपने अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर जो महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किये हैं, ये बदलाव के आधार होंगे।